हैदराबाद 02 अगस्त: मुसलमानों की पसमांदगी का जायज़ा लेते हुए रिजर्वेशन की फ़राहमी के मसले पर हुकूमत को रिपोर्ट पेश करने वाले सुधीर कमीशन आफ़ इन्क्वारी ने अपनी रिपोर्ट तक़रीबन मुकम्मिल करली है।
बावसूक़ ज़राए के मुताबिक़ कमीशन के एडवाइज़री बोर्ड की मीटिंग हैदराबाद में मुनाक़िद हुवी जिसमें मुल्क के नामवर माहिरीन मआशियात और मुख़्तलिफ़ कमीशनों में ख़िदमात अंजाम देने वाली शख़्सियतों ने शिरकत की। कमीशन के सदर नशीन जी सुधीर की सदारत में मुनाक़िदा इस मीटिंग में एडवाइज़री बोर्ड के सामने रिपोर्ट का ख़ाका पेश किया गया। कमीशन ने मुख़्तलिफ़ मह्कमाजात से दरकार तफ़सीलात और सेंटर फ़ार गुड गवर्नैंस के सैंपल सर्वे की बुनियाद पर रिपोर्ट तैयार की है। बताया जाता है कि एडवाइज़री बोर्ड ने रिपोर्ट पर इतमीनान का इज़हार करते हुए बाज़ तरमीमात की सिफ़ारिश की है।
बोर्ड ने रिपोर्ट की तैयारी के तरीका-ए-कार और इस में शामिल की गईं तफ़सीलात पर इतमीनान का इज़हार किया। 7 रुकनी एडवाइज़री बोर्ड के अरकान के अलावा कमीशन के अरकान डॉ आमिर उल्लाह ख़ां, एम-ए बारी और प्रोफेसर अबदुल शाबान मीटिंग में मौजूद थे। मुख़्तलिफ़ मह्कमाजात में मुसलमानों की नुमाइंदगी से मुताल्लिक़ आदाद-ओ-शुमार इंतेहाई मायूसकुन देखे गए।
कमीशन के मुताबिक़ तेलंगाना में महिकमा तालीम सबसे बड़ा महिकमा है जिसके मुलाज़िमीन की तादाद एक लाख 40 हज़ार 186 है जिस में मुस्लिम मुलाज़िमीन सिर्फ़ 8496 हैं। इस के अलावा महिकमा बर्क़ी में 5 फ़ीसद , हाओज़िंग और पंचायत राज में 5 फ़ीसद , रोड ट्रांसपोर्ट में 4 फ़ीसद और वेलफेयर डिपार्टमेंट में सिर्फ 3 फ़ीसद मुस्लमान मुलाज़िमीन हैं। मजमूई तौर पर सरकारी मह्कमाजात में मुस्लिम मुलाज़िमीन की तादाद 7 फ़ीसद पाई गई और उनमें ज़्यादा-तर नान गज़ीटेड रुत्बा के छोटे ओहदों पर फ़ाइज़ हैं। कमीशन ने सियोल सर्विस में मुसलमानों की कम नुमाइंदगी पर तशवीश का इज़हार किया है।
तेलंगाना के 163 आईएएस ओहदेदारों में सिर्फ 5 मुस्लमान हैं। इस के अलावा 112 आईपीएस में तीन मुस्लमान हैं जबकि इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (आईएफ़एस) के 65 ओहदेदारों में सिर्फ दो मुस्लमान हैं। इस तरह सिविल सर्विस में तेलंगाना में सिर्फ 10 मुस्लिम ओहदेदार मौजूद हैं। कमीशन एडवाइज़री बोर्ड की सिफ़ारिशात के मुताबिक़ अंदरून एक हफ़्ता अपनी रिपोर्ट को क़तईयत दीदेगा और इमकान है कि अगस्त के दूसरे हफ़्ते में चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव को रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी। कमीशन ने पसमांदगी की बुनियाद पर मुसलमानों को रिजर्वेशन की फ़राहमी की सिफ़ारिश की है। रिजर्वेशन के फ़ीसद के ताय्युन का इख़तियार हुकूमत पर छोड़ दिया जाएगा।