मुस्लिम क़ैदीयों से जानवरों जैसा सुलूक

नई दिल्ली, २८ सितंबर (पी टी आई) तिहाड़ जेल के तक़रीबन 40 क़ैदीयों ने भूक हड़ताल शुरू की है। इन का इल्ज़ाम है की जेल के अंदर मुख़्तलिफ़ किस्म की बदउनवानीयाँ ( भ्रष्टाचार) चल रही हैं। इन क़ैदीयों में मुसलमान क़ैदी भी है जिन के साथ जेल का अमला ( कर्मचारी) जानवरों जैसा सुलूक कर रहा है।

इंसानी हुक़ूक़ ( मानव अधिकार) के कारकुन ने दावा किया है की इन क़ैदीयों ने बेहतर सहूलतें फ़राहम करने का मुतालिबा करते हुए भूक हड़ताल शुरू की है लेकिन जेल के हुक्काम ने इस ख़बर की तरदीद ( खंडन) की। इंसानी हुक़ूक़ के वकील एन डी पंचोली ने बताया कि जेल नंबर 1 के वार्ड नंबर 6 में महरूस 40 क़ैदीयों ने मंगल से भूक हड़ताल शुरू की है।

उन्होंने जेल के अंदर कई बे क़ाईदगियों और बदउनवानीयों ( भ्रष्टाचार) के इलावा उन के साथ ग़ैर इंसानी सुलूक के ख़िलाफ़ एहतिजाज किया है। पंचोली ने दावा किया है की 40 क़ैदीयों ने जिन में लाल क़िला हमला केस में मौत की सज़ा का सामना करने वाले मुहम्मद आरिफ़ भी शामिल हैं, दस्तख़त शूदा मकतूब ( खत) लिखा है, जिस में दावा किया गया है की ये मकतूब तिहाड़ जेल के जनरल को भी रवाना किया गया है।

इन क़ैदीयों का इल्ज़ाम है की उन्हें साफ़ सुथरा पीने का पानी नहीं मिलता, अच्छी ग़िज़ा ( खाना) नहीं मिलती, ईलाज भी नहीं किया जाता, चहलक़दमी की जगह भी नहीं है और ना ही उन्हें टेलीफ़ोन की सहूलत दी गई है। इन क़ैदीयों का इल्ज़ाम है की जेल हुक्काम उन्हें फ़राहम किया जाने वाला राशन गै़रक़ानूनी तौर पर होटलों को मुंतक़िल किया ( भेजा) जाता है और इस के इव्ज़ ( बदले) क़ैदीयों को जो ग़िज़ा दी जाती है वो नाक़िस होती है, जिस की वजह से क़ैदी बीमार पड़ रहे हैं।

वो ज़हनी तौर पर नफ़सियात का शिकार हो रहे हैं। इन के साथ जानवरों जैसा सुलूक किया जा रहा है। जू (Zoo) में रहने वाले जानवर कम अज़ ( से) कम उन से बेहतर ग़िज़ा ( भोजन) हासिल करते हैं। उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया ( आरोप लगाया ) कि ख़तरनाक क़ैदीयों को उन के अरकान ख़ानदान से बातचीत के लिए टेलीफ़ोन की सहूलत भी फ़राहम नहीं की जाती।