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मुस्लिम ख़वातीन को मआशी तौर पर बाइख़तियार बनाने की ज़रूरत

उर्दू यूनीवर्सिटी में समिनार। प्रोफ़ैसर मुहम्मद मियां प्रोफ़ैसर सिंगा मित्रा और डाक्टर ख़्वाजा शाहिद का ख़िताब

हैदराबाद । 20 । सितंबर : ( प्रेस नोट ) : मुस्लिम ख़वातीन की रोज़गार से मरबूत सरगर्मीयों में शमूलीयत बिरादरी और समाज के लिए एहमीयत की हामिल है। मौलाना आज़ाद नैशनल उर्दू यूनीवर्सिटी , ख़वातीन की तालीम और उन्हें बाइख़तियार बनाने की सिम्त में पहले ही सरगरदां है। प्रोफ़ैसर मुहम्मद मियां वाइस चांसलर ने मुस्लिम ख़वातीन की समाजी-ओ-इक़तिसादी शमूलीयत के मौज़ू पर एक रोज़ा समिनार के इफ़्तिताही इजलास में सदारती ख़िताब के दौरान इन ख़्यालात का इज़हार किया।

मर्कज़ बराए मुतालात-ए-समाजी उख़र अजीत-ओ-शिमौलीती पालिसी ने सफ़ा सोसाइटी हैदराबाद के इश्तिराक से इस समिनार का एहतेमाम किया। प्रोफ़ैसर मुहम्मद मियां ने इस मौक़े पर सफ़ा सोसाइटी को पेशकश किया कि उर्दू यूनीवर्सिटी की सहूलत को ख़वातीन को बाइख़तियार बनाने और रोज़गार से मरबूत करने की सरगर्मीयों के लिए इस्तेमाल करसकती है। डाक्टर टी वेंकट रत्नम सदर नशीन आंध्र प्रदेश ख़वातीन कमीशन ने बहैसीयत मेहमान-ए-ख़ुसूसी अपनी तक़रीर में आंध्र प्रदेश में ख़वातीन को दरपेश मुश्किलात और मसाइल का अहाता किया।

कमीशन के पास दीवानी हुक़ूक़ हैं और वो अक़ल्लीयती ख़वातीन पर ख़ुसूसी तवज्जु दे रहा है। डाक्टर रत्नम 90 की दहाई में रियास्ती हुकूमत की काबीनी वज़ीर रह चुकी हैं। प्रोफ़ैसर सिंगा मित्रा शैल आचार्य (जय एन यू दिल्ली) ने अपने कलीदी ख़ुतबे में क़ौमी सतह पर आदाद-ओ-शुमार के हवाले से मुस्लिम ख़वातीन को दरपेश सेहत और अदम शमूलीयत के संगीन मसाइल पर रोशनी डाली। कमज़ोर तबक़ात के ख़िलाफ़ इमतियाज़ पर मबनी उनकी तहक़ीक़ को जो समाज की तल्ख़ हक़ीक़त की तर्जुमानी करती है क़ौमी सतह पर अहम तसव्वुर किया जाता है।

डाक्टर रूपिंदर कौर मेहमान-ए-एज़ाज़ी ने अपनी तक़रीर में हिन्दुस्तानी मुस्लिम ख़वातीन की रोज़गार से मरबूत सरगर्मीयों पर रोशनी डाली। डाक्टर ख़्वाजा मुहम्मद शाहिद प्रो वाइस चांसलर उर्दू यूनीवर्सिटी ने अपने ख़िताब में कहा कि मुस्लिम ख़वातीन को सेल्फ हेल्प् ग्रुपस की सरगर्मीयों से वाबस्ता होना चाहीए। मुस्लिम ख़वातीन से मरबूत मसाइल पर रिवायती अंदाज़-ए-फ़िक्र को तर्क करने की ज़रूरत है। हैदराबाद के ख़ुसूसी हवाले से मुनाक़िदा समिनार के इफ़्तिताही इजलास का आग़ाज़ कन्वीनर ख़्वाजा मुहम्मद ज़िया उद्दीन के ख़ैर मुक़द्दम से हुआ।

इस मौक़े पर हिन्दुस्तान में मुस्लिम ख़ाकरूब के मौज़ू पर तहरीर करदा उनकी किताब का रस्म इजरा भी अमल में आया। ये तहक़ीक़ाती किताब जर्मनी से शाय हुई है। प्रोफ़ैसर आमना किशवर ने किताब पर तबसरा पेश किया। समिनार के शरीक कन्वीनर जनाब मुहम्मद परवेज़ आलम ने सदर सफ़ा रूबीना फ़ातिमा के हमराह सोसाइटी की तैयार करदा मसनूआत पेश कीं। फ़रीसा ख़ां (सफ़ा) ने कलिमात तशक्कुर अदा किए। मुल्क के मुख़्तलिफ़ हिस्सों से आए मंदूबीन की बड़ी तादाद ने शिरकत की।

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