* दहश्तगर्दी की बुराइ , जमियत उल्मा की वडा प्रधान को याददाश्त
हैदराबाद । जमियत उल्मा आंधरा प्रदेश की तरफ से माइनारीटीज के मस्लों से जुडी एक याददाश्त वडा प्रधान डाक्टर मनमोहन सिंह को पेश की गई ।
जैसे तालीम और सरकारी मुलाज़मतों में मुसलमानों को रीजर्वेशन देना , सच्चर कमेटी और जस्टिस श्री रंगनाथ मिश्रा की सिफ़ारिशात पर अमल , दहश्तगर्दी और मुसलमानों को बदनाम करने का भी ज़िक्र किया गया और इस याददाश्त में कहा गया कि दहश्तगर्दी एक घिनावना जुर्म है और किसी धर्म में इस की इजाज़त नहीं है ।
जमीयत उल्मा आंधरा प्रदेश इस के प्लाट्स से मुसलमानों और इस्लाम को जोड़ने की बहुत सखत बुराइ करती है । याददाश्त में कहा गया कि दीनी मद्रेसों को आर टी ई से अलग रखा जाये क्यों कि डर है कि इस से उन की पहचान पर असर पडेगा। और कहा गया कि दीनी मद्रेसों के स्टूडंट को भी दुसरे स्कूलों के तलबा की तरह सहूलतें दी जाएं । जैसे आर टी सी बस पास और रेलवे पास।
इस याददाश्त में वक़्फ़ जायदादों कि हिफाजत पर ज़ोर दिया गया और कहा गया कि वक़्फ़ की कई जायदादों पर नाजायज़ क़बज़े होरहे हैं । हुकूमत इन जायदादों का किराया मार्केट भाव के मुताबिक़ तय करे और उन जायदादों पर लैंड ग्राबर्स के क़ब्ज़ों को खत्म करने के लिए सख़्त क़ानून बनाया जाये ।
एम पी और एम एल ए के एरिया डेव्लप्मेंट फ़ंड के कम से कम 20 फीसद हिस्से को मुस्लिम आबादी वाले इलाक़ों में ख़र्च किए जाने को यक़ीनी बनाया जाये । हुकूमत की भलाइ स्किमात का प्रचार उर्दू ज़बान में भी की जाये ताकि मुसलमान इस से फाइदा उठा सकें । एसे मुक़ामात पर जहां मुस्लिम आबादी ज़्यादा हो टेक्निकल संस्थाएं क़ायम कि जाएं ताकि मुस्लमान फ़न्नी तालीम हासिल कर के रोज़गार हासिल कर सकें ।
वडा प्रधान को पेश की गई याददाश्त में दूसरी चिजों को भी शामिल किया गया ।