दिल्ली की एक अदालत ने सैयद मुहम्मद काज़मी को आज 20 दिन के लिए पुलिस तहवील में दे दिया, जिन्हें 13 फ़रवरी को इसराईल सिफ़ारतख़ाना की एक कार पर बम हमला के मुक़द्दमा में उनके मुबय्यना रोल के तहत गिरफ़्तार किया गया था।
काज़मी को चीफ़ मेट्रो पोलिटीन मजिस्ट्रेट (Metropolitan Magistrate) विनोद यादव के इजलास पर पेश किया गया था, जिन्होंने मुल्ज़िम को 27 मार्च तक पुलिस तहवील में दे दिया। क़ब्लअज़ीं दिल्ली पुलिस के ख़ुसूसी सेल ने कहा था कि वो इस साज़िश का अहम हिस्सा है और बैरूनी शहरों पर हमले के जुर्म में मुलव्वस होने के बारे में इस से पूछगिछ ज़रूरी है।
चीफ़ मेट्रो पोलिटीन मजिस्ट्रेट ने 20 रोज़ा रीमांड के लिए पुलिस की दरख़ास्त से इत्तेफ़ाक़ करते हुए कहा कि मुल्ज़िम (काज़मी) को 27 मार्च तक पुलिस तहवील में दिया जाता है। तहक़ीक़ात कुनुन्दगान ने अदालत से कहा कि ये कोई हादिसा नहीं था बल्कि इंतेहाई मुनज़्ज़म अंदाज़ में हमला किया गया था।
ताहम सरकारी वकील ने खुली अदालत में तमाम तफ़सीलात ब्यान करने से इनकार कर दिया और कहा कि इस मरहला पर तमाम तफ़सीलात के इन्केशाफ़ की सूरत में असल मुल्ज़िम रसाई से दूर हो जाएगा। काज़मी की पैरवी करने वाले वकील विजय अग्रवाल ने पुलिस तहवील की सख़्त मुख़ालिफ़त करते हुए कहा कि पुलिस ने उनके मुवक्किल की गुज़श्ता रोज़ गिरफ़्तारी के मौक़ा पर मुक़र्ररा ज़ाबतों की पाबंदी नहीं की।
अग्रवाल ने मज़ीद कहा कि अदालत उन्हें (काज़मी को) मुक़द्दमा की बाज़ाबता तफ़सीलात के बगै़र पुलिस तहवील में नहीं दे सकती यँहा तक कि इनकी गिरफ़्तारी भी गै़रक़ानूनी है क्योंकि उन्हें गिरफ़्तार करने वाले स्याह लिबास में मलबूस थे। ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के रहनुमा ख़ुतूत की ख़िलाफ़वर्ज़ी है।
विजय अग्रवाल ने कहा कि सैयद मुहम्मद काज़मी को पुलिस एक बैन-उल-अक़वामी दहश्तगर्द के तौर पर पेश करने की कोशिश करहि है जबकि वो (काज़मी) एक जर्नलिस्ट्स है। इराक़ी जंग की ख़बर रसानी की थी और ईरान से मुताल्लिक़ ख़बरों की तरसील किया करते हैं, लेकिन अदालत ने अग्रवाल के इस्तेदलाल को मुस्तर्द करते हुए काज़मी को पुलिस तहवील में दे दिया।
काज़मी को जिसने एक ईरानी इदारा के लिए लिखने का दावा किया है, तहक़ीक़ात के दौरान ये मालूम होने के बाद गिरफ़्तार किया गया था कि इसका एक मुश्तबा शख़्स से राबिता था, जिस ने मुबय्यना तौर पर इसराईली सिफ़ारती ओहदेदार ताल अयहो शुआ की कार को मक़नातीसी बम मरबूत किया था।
ज़राए ने कहा है कि काज़मी ने मुश्तबा शहस को इसराईली सिफ़ारतख़ाना पर खु़फ़ीया नज़र रखने और सिफ़ारती ओहदेदारों की नक़ल-ओ-हरकत की तफ़सीलात से आगाही में मदद की थी। पुलिस ने दिल्ली में काज़मी के रिहायशी मुक़ाम की भी तलाशी ली। वाज़िह रहे कि मक़नातीसी बम हमले में इसराईली सिफ़ारतकार हिंदूस्तानी ड्राईवर के बिशमोल चार अफ़राद धमाका में ज़ख़मी होगए है। जब एक मुश्तबा मोटर सैयकिल सवार ने इस कार का तआक़ुब करते हुए मक़नातीसी बम मरबूत कर दिया था।