मुक़ामी पॉलिसी की मांग को लेकर आदिवासी मूलवासी तंज़िमों ने सनीचर को झारखंड बंद बुलाया है। तंज़िमों ने सनीचर को तमाम तालीमी अदारों, दफ्तर और दुकान बंद रखने की दरख्वास्त की है। बंद के पहले शाम को हिमायतों ने शहर की मुखतलिफ़ सड़कों पर मशाल जुलूस निकाला। एसेम्बली रुक्न बंधु तिर्की के हामियों ने जहां गाड़ियों के जरिये आम आवाम से बंद को कामियाब बनाने की दरख्वास्त की, वहीं झारखंड दिशोम पार्टी के सालखन मुरमु ने कहा है कि मुक़ामी पॉलिसी को सियासी मुद्दा बनाना है।
झारखंडी लोगों को उनका हक मिलना चाहिए। हुकूमत ने मुक़ामी पॉलिसी के मुद्दे पर कोई पहल नहीं की है, इसलिए बंद के लिए वह खुद जिम्मेदार है। आदिवासी अवामी कोनसिल के प्रेमशाही मुंडा और अभय भुंटकुंवर ने कहा कि मुक़ामी पॉलिसी लागू होने तक यह तहरीक चलता रहेगा। आमसा सदर सुनील कुमार सिंह ने कहा कि बिना मुक़ामी पॉलिसी के होनेवाली तकर्रुरी पर रोक लगे। झारखंड रियासत जमीयतुल कुरैश के मोजीबी कुरैशी ने भी बंद का हिमायत किया है। प्रोग्राम में सुनील शाहदेव, बेलस तिर्की, संजय कच्छप, बिबियाना लकड़ा, बीनू लकड़ा, पौला तिर्की वगैरह मौजूद थे।