हाल ही में आर्किओलोजी सर्वे ऑफ़ इंडिया की तरफ से किये गए एक सर्वे के मुताबिक बादशाह अकबर के महल की खुदाई से कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं जिससे पता चलता है कि मुग़ल काल के उस दौर में भी बादशाह अकबर के कामगारों और कारीगरों के पास वह तकनीक मौजूद थी जिससे वह उस दौर में भी वो खूब ठाठ और आराम की ज़िन्दगी बिताते थे। इसका सबूत मिला है बादशाह अकबर के फतेहपुर सीकरी में बने महल से जहाँ का सर्वे करने पर पता चला है कि 500 साल पहले अपने महल में गर्मी से बचने के लिए बादशाह ने ए.सी. कमरे बनवाए थे। इसके पीछे की तकनीक की पूरी जानकारी एएसआई ने अपनी टीम की तरफ से की गयी जांच की रिपोर्ट के जरिये की है।
आर्किओलोजी सर्वे ऑफ़ इंडिया ने 6 महीने पहले इस महल में खुदाई का काम शुरू किया गया था जिनमे उनको अंडरग्राउंड कमरे, सुरंग, कालीन और कूलिंग चैम्बर मिला था। खुदाई के दौरान यहाँ एक वाटर सिस्टम मिला है जो कमरो को ठंडा रखने में मदद करता था और कमरे में बनी खिड़कियों से पानी लगातार बहता रहता था। इस सारे मामले की देख-रेख कर रहे डॉ.भुवन विक्रम कहते है कि उन्हें इस महल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का शानदार नमूना मिला है।
यह ऐसा वाटर सिस्टम था, जिसमें बारिश किए पानी को स्टोर करके रखा जाता था। जिसको पानी की कमी होने पर इस्तेमाल किया जाता था। फिलहाल महल में खोजबीन का काम अभी भी चल रहा है और बहुत चीज़ें ऐसी मिल रही हैं जो हैं तो आज के ज़माने की लेकिन मुग़ल बादशाह के कारीगर उन्हें उस ज़माने में ही इज़ाद कर चुके थे।