पूर्णिया : जमीयत ओलमा हिन्द पूर्णिया के जेनरल सेक्रेटरी मौलाना आबु सालेह कासमी ने कहा की वजीरे आला नीतीश कुमार हुकूमत मे जरिये मुसलमानों के अहम मसायल पर गैर संजीदगी दिखाई जा रही है। उन्होने कहा की 2011 मेन नीतीश कुमार की हुकूमत ने 2460 गैर इमदाद याफ़्ता मदरसे को माली तौर पर मंजूरी दी थी। करीब 4 साल के अरसा गुजर गए हैं, उन मदरसे के सिर्फ 205 मदरसे को ही पेमेंट जारी किए गए हैं बाक़ी एक हज़ार मदरसे की फाइलें एजुकेशन महकमा पटना के दफातिर में दीमक खा रही है। उन मदरसे के असातिजा के मसायल के हल पर हुकूमत तवज्जो नहीं है। इस तरह स्पेसल उर्दू टीईटी उम्मीदवारों की बहाली पर हाई कोर्ट के रोक लग जाने से अल्तवा में है और उम्मीदवार परेशान है। माज़ी हुकूमत गलतियों का खामियाजा ये लोग भुगत रहे हैं।
मौलाना आबु सालेह कासमी ने कहा की 2010 एसेम्बली इंतिख़ाब में नीतीश कुमार की हुकूमत ने मौलाना मजहरुल हक़ अरबी व फारसी यूनिवर्सिटी को बिहार की मिसाली यूनिवर्सिटी बनाने का वायदा किया था लेकिन ये वायदा 5 साल गुज़र जाने के बाद भी पूरा नहीं हो सका है, जबकि नीतीश कुमार की हुकूमत ने समाज के सभी तबकों को खुश करने का काम किया है, लेकिन मुसलमानों को अहम मसायल पर बिहार हुकूमत की खामोशी से मुसलमानों के अमूमी तबके में नाराजगी है। मौलाना ने कहा की मुस्लिम नौजवान के मसायल हल किए बिना न बिहार तरक़्क़ी कर सकती है और न मुल्क की चौतरफा तरक़्क़ी मुमकिन है और कहा की अज़ीम इत्तीहाद पार्टियों की मकबूलियत व अहमियत इसी वक़्त मुस्लिम अकलियतों में हो सकती है जब मुसलमानों के अहम मसायल पर तवज्जो देगी और उसके हल करने में संजीदगी दिखाएगी।