गोहाटी, 11 दिसंबर:(पीटीआई)वज़ीर ए आला आसाम तरूण गोगोई जो वयतनाम और कंबोडिया के एक हफ़्ता तवील दौरा से वापस आए हैं, उन्होंने अपने बैरूनी दौरों पर की जाने वाली तन्क़ीदों की कोई परवाह ना करते हुए सिर्फ़ इतना कहा कि इन दौरों से उन्हें कुछ सीखने का मौक़ा मिलता है ।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनके बैरूनी दौरों पर तन्क़ीद करते हैं। अगर वो ऐसा करते हैं तो करने दो क्योंकि वो तफ़रीह और मौज मस्ती की ख़ातिर इन दौरों पर नहीं जाते बल्कि उनसे उन्हें कुछ सीखने का मौक़ा मिलता है और वैसे भी वयतनाम में कोई क्या तफ़रीह करेगा और ऐसे कौन से दिलचस्प और हसीन क़ुदरती मुनाज़िर हैं जिनसे लुत्फ़ अंदोज़ हो सके।
मैं सिर्फ़ इसलिए जाता हूँ ताकि हिंदूस्तान की शुमाल मशरिक़ी रियासतों के साथ इन ममालिक के ताल्लुक़ात मुस्तहकम हो सके। हकूमत-ए-हिन्द की भी एक Look East पॉलीसी है इलावा अज़ीं आसियान ममालिक भी हम से बेहतर ताल्लुक़ात के ख़ाहां हैं।
अमेरीका से एक तवील जंग लड़ने के बाद भी वतनाम की तरक़्क़ी क़ाबिल ए रश्क है।