नोटबंदी के बाद एक तरफ काला धन के सफेद करने वालों का गिरोह सक्रिय है तो दूसरी ओर जालसाजों द्वारा नकली नोटों को छापने का खेल भी जारी है। सीबीआई, पुलिस, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी ऐसे धंधेबाजों पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के करीब मेरठ में पुलिस ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया है जो नकली नोट छापता था।
यूपी पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर मेरठ के थाना पल्लवपुरम क्षेत्र से शुक्रवार देर रात चेकिंग के दौरान कार से नई करेंसी के 2000 और 500 के 42 लाख रुपये मूल्य के नकली नोट बरामद किए। इस एंडेवर कार में नेशनल लोकमत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और किठोर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी खुशी गांधी के साथ दो लोग मौजूद थे। ये लोग स्केनर और प्रिंटर के माध्यम से नकली करेंसी तैयार करते हैं और उन्हें कमीशन एजेंट के तौर पर लोगों तक पहुंचाते हैं। पुलिस ने अब तक खुशी के अलग-अलग ठिकानों पर छापे मारकर 9 लाख रुपए की करेंसी बरामद की है।
इन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर देर रात से अब तक कई जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। इन्हीं की निशानदेही पर पुलिस ने नकली नोट छापने वाले प्रिंटर स्केनर और अन्य सामान भी बरामद किया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ये लोग 40,000 रुपए के बदले 1,00,000 रुपए का नकली नोट देते हैं। ज्यादातर देहाती इलाकों में इनका नेटवर्क सक्रिय है। पुलिस पूछताछ के दौरान पता लगा है कि ये लोग हाई क्वालिटी प्रिंटर मशीन के जरिए नकली नोट तैयार करते थे और माफियाओं के जरिए गांवों में पहुंचाया जाता था। यूपी पुलिस इस ग्रुप के नेटवर्क को खंगालने में लगी हुई है।