मेरे धरने से अब कोई और केजरीवाल पैदा नहीं होगा- अन्ना हजारे

नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सोमवार को कहा कि केंद्र के खिलाफ उनके तय धरने से ‘‘एक और केजरीवाल’’ नहीं बनेगा. वह एक समय उनके साथ जुड़े रहे अरविंद केजरीवाल के संदर्भ में बोल रहे थे जो बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री बने. भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने वाले अन्ना ने कहा कि वह मार्च में प्रस्तावित अपने आंदोलन में शामिल होने वालों से हलफनामा लेंगे कि वे बाद में राजनीति में शामिल नहीं होंगे.

हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी उनके 2014 के आम चुनावों में किए गए ‘‘अच्छे दिन’’ के वादे के लिये निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल की नियुक्ति करने के बजाए केंद्र ऐसे संशोधन लेकर आया जिससे लोकपाल अधिनियम कमजोर हुआ.

यहां एक कार्यक्रम से इतर उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, अब मेरे धरने से कोई दूसरा केजरीवाल पैदा नहीं होगा. मैं अपना समर्थन कर रहे लोगों से हलफनामा ले रहा हूं कि वे राजनीति में शामिल नहीं होंगे.’’ वे यहां एसआरसीसी स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में आयोजित एक व्यापार सम्मेलन में टुवार्ड्स करप्शन फ्री इंडिया विषय पर संबोधन के लिए आए थे.

इसस पहेल रविवार (चार फरवरी) को समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि वह अगले 23 मार्च से फिर से रामलीला मैदान में धरने पर बैठेंगे. उनका आंदोलन किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ होगा.

हजारे ने कहा कि सरकार हमें जेल में डालना चाहे तो डाल दे हम जेल जाने से डरने वाले नहीं है. हम पहले दो बार जेल में गए तो महाराष्ट्र की सरकार गिर गई और एक बार मनमोहन सिंह की केंद्र में सरकार का पतन हो गया.

हजारे ने बजट में अरुण जेटली द्वारा किसानों को डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की बात पर कटाक्ष करते हुए कहा उन्होंने कि उन्हें पहले नीति आयोग से बात करनी चाहिए थी, तभी इस बात को बजट में शामिल करना था.

हजारे ने सरकार से मांग की है कि जो किसान 60 साल की उम्र पार कर चुका है और उसके घर में रोजगार के कोई साधन नहीं है तो उसे सरकार 5000 प्रतिमाह की पेंशन दे. 23 मार्च तक इस शर्त को सरकार इसे मान ले तो आंदोलन नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि सरकार जब उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर सकती है, तो फिर खून पसीना बहाने वाले किसानों का कर्जा माफ करने में उन्हें क्या परेशानी है?