तालीम के बगै़र ख़ुशहाल मुस्तक़बिल का तसव्वुर मुम्किन ही नहीं है, तालीम हासिल करते हुए आज दुनिया के किसी भी ख़ित्ते में बाइज़्ज़त ज़िंदगी गुज़ारी जा सकती है।
इन ख़्यालात का इज़हार ज़हीरुद्दीन अली ख़ां मैनेजिंग एडीटर रोज़नामा सियासत ने मुस्तक़र महबूबनगर के रेनबो कॉन्सेप्ट स्कूल में तालिबात की एक कसीर तादाद को मुख़ातब करते हुए किया।
ये प्रोग्राम मुस्लिम शऊर बेदारी कमेटी और रोज़नामा सियासत के इश्तिराक से मुफ़्त गरमाई कोर्सेस की इख़तेतामी तक़रीब के मौके पर मुनाक़िद किया गया था।
मैनेजिंग एडीटर सियासत ने कहा कि तालिबात, तालीमी मैदान में बरमला अपनी ख़ाहिशात का और अपने अज़ाइम का इज़हार करें और अपने अज़ाइम को हासिल करने के लिए एक मंज़िल मुक़र्रर करलीं और मंज़िल के हुसूल के लिए सख़्त मेहनत , लगन जुस्तजू के साथ आगे बढ़ीं और अल्लाह रब उल्इज़त के हुज़ूर गिड़गिड़ाकर दुआ मांगें।
आप की मेहनत भी रायगां ना होगी। आप की दुआ भी क़बूल होगी और आप अपनी मंज़िल को छू सकीं गे। मेहनत और दुआ से ज़िंदगीयां बदल सकती हैं। उन्होंने कहा कि आज ज़्यादा तर ख़ानदानों का रुजहान सिर्फ़ डॉक्टर्स और इंजीनियरस बनने तक ही महिदूद है, हालाँकि मुख़्तलिफ़ शोबों में ज़बरदस्त आमदनी के कई मवाक़े मौजूद हैं।
ज़हीरुद्दीन अली ख़ां ने बड़े मुशफ़िक़ाना अंदाज़ में तालिबात को मश्वरह दिया कि वो दुसरे ज़बानों के साथ साथ अंग्रेज़ी की तालीम लाज़िमी तौर पर हासिल करें क्युंकि ये एक एसी ज़बान है जिस को सीख कर दुनिया में कहीं भी रोज़गार हासिल किया जा सकता है।
उन्होंने मुक़ामी क़ाइदीन और एम एसबी के ज़िम्मा दारान को पेशकश की के वो अंग्रेज़ी तालीम हासिल करने के ख्वाहिशमंदों के लिए हर हफ़्ता माहिरीन इंग्लिश को इदारा-ए-सियासत की तरफ से महबूबनगर रवाना करने तैयार हैं।
उनकी इस पेशकश का तालिबात और शहि नशीन पर मौजूद मोअज़्ज़िज़ीन ने तालियों की गूंज में ख़ौरमक़दम किया। जीलानी पैराक ने बहैसीयत मेहमान ख़ुसूसी मुख़ातब करते हुए कहा कि तालिबात सब से पहले एहसास कमतरी के ख़ौल से बाहर निकलें और अपने अतराफ़ की ज़बानों पर उबूर हासिल करें।
उन्होंने कहा कि किसी ज़माने में डिग्रियों का हासिल करना बड़ा मुश्किल काम था लेकिन आज अपनी सलाहीयतों के लिहाज़ से डिग्रियां बह आसानी हासिल करसकते हैं। उन्होंने इदारा-ए-सियासत की ख़िदमात को ज़बरदस्त ख़िराज-ए-तहिसीन पेश करते हुए कहा कि अख़बार सियासत सिर्फ़ एक अख़बार ही नहीं बल्कि ये एक हमा मक़सदी इदारा हैं।