कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में नियम 377 के तहत लोकसभा में नोटिस दिया। संसद में गुरूवार को थरूर ने दावा किया कि नजीब मामले में प्रत्यक्षदर्शियों को आरोपियों द्वारा डराया-धमकाया जा रहा है।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन अपराधियों को दंडित करने में क्यों नाकाम रही है। थरूर ने कहा कि नजीब एक महीने से लापता है और पुलिस उसे ट्रैक करने में नाकाम रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन भी एक उचित जांच का गठन करने में विफल रही और अपराधियों को दंडित नहीं किया।
उन्होंने ये भी कहा कि इस घटना बाद विश्वविद्यालय में भयभीत माहौल हो गया है। जोड़ा। शैक्षिक संस्थानों को धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए और इसके लिए फ्री स्पेस मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं सरकार से आग्रह करता हूं वो तुरंत नजीब का पता लगाने के लिए प्रयास करे। मैं यह भी आग्रह करता हूं कि सभी शैक्षणिक परिसरों में छात्रों की सुरक्षा की गारंटी दिया जाए। स्वतंत्र रूप से भाषण और अपने अभिमतों को रखने का आजादी दिया जाए और सार्वजनिक स्थलों में हमारे संविधान के आदर्शों बहाल करने की कोशिश किया जाए।
उत्तर प्रदेश के बदायूं के रहने वाले नजीब अक्टूबर में महीने से जेएनयू कैंपस से लापता हैं। उससे पहले उनकी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों के साथ विवाद हुआ था। वे एमएससी प्रथम वर्ष के छात्र थें।