मिस्र के साबिक़ राष्ट्रपति जिन्हें एक तख़्ता पलट के ज़रिये बाहर किया गया था जब उन्हें उन पर चल रहे क्रिमिनल मुक़दमे के लिए लाया गया तो उन्होंने कोर्ट से साफ़ लफ़्ज़ों में कहा” मैं अपनी पहली ही सुनवाई में कह चुका हूँ, मैं इस मुक़दमे की सारी कार्यवाही को ग़लत मानता हूँ, लेकिन मैं अदालत को ग़लत नहीं कह रहा”
उन्होंने कहा कि “मैं सारे मिस्र के लोगों का राष्ट्रपति हूँ और मैंने जून 2012 से ये पद(राष्ट्रपति) संभाला है,तब से मैं मुस्लिम ब्रदरहुड की समिति से नहीं मिला हूँ”
मोरसी को 2012 में हुए चुनाव में मिस्र के लोगों ने राष्ट्रपति चुना था लेकिन जुलाई 2012 में फ़ौज ने उनका तख़्ता पलट कर दिया.
इस मुक़दमे के अलावा पहले ही उन्हें सज़ाए मौत की सज़ा हो चुकी है.