लखनऊ। नोटबंदी करने के संबंध में गरीबों और किसानों के बेहाल होने का हवाला देते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि काले धन पर नकेल कसने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा महज एक धोखा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अगर वह वास्तव में गंभीर होते तो अब तक केंद्र में लोकपाल की नियुक्ति हो चुकी होती।
न्यूज़ नेटवर्क मसूह प्रदेश 18 के अनुसार सुश्री मायावती ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ‘लोकतांत्रिक संस्था के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विशेष रूप से श्री नरेन्द्र मोदी का रिकॉर्ड कभी ईमानदार नहीं रहा। वर्ष 2014 में लोकपाल कानून बन चुका था मगर आज तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं की गई। ‘
उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान श्री मोदी ने लोकायुक्त की संस्था को निष्क्रिय बनाकर रखा और अंत तक गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं होने दी। इसके विपरीत बसपा ने उत्तर प्रदेश में अपने शासनकाल के दौरान लोकायुक्त संस्था को मजबूत किया और उसकी सिफारिश पर कई लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी काला धन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए हमेशा समर्थक रही है मगर उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक बढ़त हासिल करने की कोशिश में केंद्र की मोदी सरकार ने जल्दबाजी में पुराने नोटों को रद्द करने का दूरदर्शिता से आरी फैसला किया जिसका खामियाजा देश की 125 करोड़ की आबादी को भुगतना पड़ रहा है।