बीजेपी ने खदशा जाहिर किया है कि मरकज़ी हुकूमत सीबीआई जैसी एजेंसी का गलत इस्तेमाल करके मोदी, उनके साथी अमित शाह और दूसरे बीजेपी लीडरों को फंसा सकती है। राज्यसभा में अपोजिशन के लीडर अरुण जेटली ने इस बारे में वज़ीर ए आज़म डॉ. मनमोहन सिंह को खत लिखकर कहा है कि अगर यही तरीके अपनाए जाते रहे तो यह जम्हूरियत के लिए खतरनाक / नुक्सानदेह हो सकता है।
जेटली ने पीएम को लिखे खत में कहा है कि कांग्रेस और हुकूमत सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर रही हैं। उनका कहना है कि इस वक्त हुकूमत और कांग्रेस की मक्बूलियत का ग्राफ तेजी से कम हो रहा है और वह मोदी का सियासी तरीके से मुकाबला नहीं कर पा रही। इसी वजह से वह उन्हें गलत तरीके से फंसाने की कोशिश में है। जेटली ने अपने खत में सोहराबुद्दीन समेत कई एनकाउंटर मामलों का भी जिक्र करते हुए कहा है कि इन मामलों में सियासी फायदा लेने के लिए हुकूमत जांच एजेंसी का गलत इस्तेमाल कर रही है।
जेटली ने खत में यह भी लिखा है कि अजमेर ब्लास्ट मामले के एक मुल्ज़िम ने हाल ही में खुलासा किया है कि कांग्रेस के कई सीनियर लीडर इस मामले में उस पर आरएसएस लीडर का नाम लेने के लिए दबाव बना रहे थे। जेटली का कहना है कि यूपीए हुकूमत और सीबीआई ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधने के लिए एक फार्मूला ही बना लिया है। उन्होंने सस्पेंड किए जा चुके आईपीएस अफसर डी.जी. बंजारा का जिक्र करते हुए कहा है कि किस तरह से पहले उसे मुल्ज़िम बनाया और फिर उस पर दबाव बनाकर बीजेपी लीडरों को फंसाने की कोशिश की गई, हालांकि यह कोशिश अभी कामयाब नही हो सकी है।
बीजेपी लीडर ने इस मामले में पीएम से दखल देने की मांग करते हुए कहा है कि जांच एजेंसियां आजाद तरीके से काम करें, यह जिम्मेदारी आपकी है। अगर यह सिलसिला नहीं रुका तो इसका बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई और एनआईए कांग्रेस की सियासत का हिस्सा बन गई हैं। इल्ज़ामात की जांच सुप्रीम कोर्ट की सरबराही में कमीशन की निगरानी में होनी चाहिए।
———बशुक्रिया: नव भारत टाइम्स