पटना 09 नवंबर: बिहार असेंबली चुनाव के नताइज वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी के लिए शख़्सी तौर पर धक्का तसव्वुर किए जा रहे हैं क्युंकि मर्कज़ में बी जे पी इक़तिदार पर आने के फ़ौरी बाद दिल्ली में उसे शिकस्त का मुँह देखना पड़ा और फिर अब बिहार में भी पार्टी का सेक्युलर इत्तेहाद के मुक़ाबिले अमलन सफ़ाया हो गया है।
दिल्ली में 70 असेंबली नशिस्तों पर चुनाव मुक़ाबिला हुआ था जहां आम आदमी पार्टी ने 67 पर कामयाबी हासिल की और बी जे पी को सिर्फ 3 नशिस्तों पर कामयाबी मिली। लोक सभा चुनाव मुनाक़िदा मई 2014 में पार्टी ने इक़तिदार पर क़बज़ा किया और इस के बाद नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्रा , हरियाणा और झारखंड में बी जे पी की कामयाबी को यक़ीनी बनाया था।
बिहार में नरेंद्र मोदी ने जारिहाना चुनाव मुहिम चलाई लेकिन बीफ, दादरी और पाकिस्तान के अलावा दलित जैसे मौज़ूआत ने बी जे पी के कामयाबी के सफ़र को रोक लगादी है।
ये नरेंद्र मोदी के लिए धक्का हैं क्युंकि चुनाव नताइज का मर्कज़ और इस की पालिसीयों पर भी यक़ीनन असर पड़ेगा। एसा लगता हैके मोदी का जादू अब ख़त्म होने लगा है। बी जे पी ने तरक़्क़ी का नारा देकर मर्कज़ में इक़तिदार हासिल किया।