चुनावी लड़ाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र तक ले जाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वर्ष 2017 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी के प्रचार अभियान का मंगलवार को यहां उद्घाटन किया। सोनिया आज एक दिवसीय कार्यक्रम के तहत वाराणसी पहुंचीं।
उनके आगे सैंकड़ों बाइकसवार पार्टी के झंडे लहराते हुए हवाईअड्डे से शहर के बीचोंबीच पहुंचे। सोनिया गांधी आज सुबह 11 बजे वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचीं, जहां शीला दीक्षित और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने स्वा गत किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने यहां एक रोड शो में भी शिरकत करेंगी।
इसके तहत वह शहर के विभिन्न हिस्सों में जाएंगी। पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए तैयार करने की कोशिश के तहत सोनिया इस रोडशो का नेतृत्व करेंगी और यहां से चुनावी शंखनाद करेंगी।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत वाराणसी से करने के पार्टी के फैसले को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुली चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह सोनिया का पहला वाराणसी दौरा है। शाम के समय वह काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना भी करेंगी।
इस यात्रा के दौरान राज्य में मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित, एआईसीसी के महासचिव गुलाम नबी आजाद, यूपीसीसी के प्रमुख राज बब्बर, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी और संजय सिंह उनके साथ हैं।
कांग्रेस ने वाराणसी में विकास की कमी को रेखांकित करने के लिए ‘दर्द-ए-बनारस’ अभियान शुरू किया है। मोदी पिछले दो साल से लोकसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। कांग्रेस पिछले 27 साल से उत्तर प्रदेश में सत्ता से बाहर है। ‘27 साल यूपी बेहाल’ नामक प्रचार के दौरान वह कह रही है कि राज्य की स्थिति पिछले 27 साल में बद से बदतर हो गई है।
वाराणसी को पूर्वी उत्तरप्रदेश इलाके में खासा अहम माना जाता है। राज्य की 403 सीटों में से लगभग 160 क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश में ही आते हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ दो ही सीटें- अमेठी और रायबरेली जीती थीं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए भी जमीन बना देंगे। कांग्रेस विधानसभा चुनाव में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद ले रही है। किशोर इससे पहले लोकसभा चुनाव में मोदी के और बिहार विधानसभा चुनाव में नीतिश कुमार के रणनीतिकार थे।