मोदी के कट्टर हरीफ़ कुलदीप शर्मा को मर्कज़ की अहम ज़िम्मेदारी

नई दिल्ली, 04 अप्रेल: गुजरात कैडर के रिटायर्ड आई पी एस ऑफ़िसर कुलदीप शर्मा को मर्कज़ी विज़ारते दाख़िला में मुशीर मुक़र्रर किया गया है। सरकारी ज़राए ने बताया कि दाख़िली सलामती और पुलिस मैनिजमेंट के लिए उन की ख़िदमात से इस्तिफ़ादा किया जाएगा। कुलदीप शर्मा के ताल्लुक़ से मर्कज़ और हुकूमत गुजरात के बीच‌ काफ़ी क़ानूनी रसा कशी जारी रही। आख़िर कार दिल्ली हाइकोर्ट ने उन की तरक़्क़ी की राह हमवार की थी।

कुलदीप शर्मा ने नरेंद्र मोदी और उन के क़रीबी साथी अमित शाह पर ये इल्ज़ाम आइद किया था कि उन्होंने 2002 गुजरात फ़सादाद के दौरान बुलवाइयों को खुली छूट देने पर ज़ोर दिया था। इस के इलावा उन्होंने मलिका सारा बाई को गिरफ़्तार करने के लिए इन दोनों के दबाव‌ का भी इन्किशाफ़ किया था। मोदी हुकूमत के लिए मुश्किलात उस वक़्त खड़ी हुई जब कुलदीप शर्मा ने सुहराबुद्दीन शेख़ फ़र्ज़ी एनकाउंटर मुक़द्दमे के सिलसिले में उबूरी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी जिस के नतीजे में कई सीनियर आई पी एस ओहदेदारों की गिरफ़्तारी अमल में आई।

यहां तक कि नरेंद्र मोदी के क़रीबी साथी अमित शाह भी ज़िद में आ गए चुनांचे मोदी हुकूमत ने उन्हें गुजरात स्टेट शेप एंड वोल डेवलेपमेंट कारपोरेशन का मनीजिंग डायरेक्टर मुक़र्रर कर दिया। कुलदीप शर्मा ने पुलिस हेडक्वार्टर पर पोस्टिंग के दौरान कई सियासतदानों और इंतिहा पसंद अनासिर के बीच‌ बातचीत के तफ़सीली रिकार्ड सी बी आई के हवाले किए थे।

कुलदीप के भाई प्रदीप शर्मा भी आई पी एस ऑफ़िसर है और उन्होंने भी नरेंद्र मोदी पर इल्ज़ाम आइद किया था कि 2002 फ़सादाद के दौरान उन के दफ़्तर से फ़ोन काल मौसूल हुआ जिस में उन के भाई (कुलदीप शर्मा) को ये समझाने की की हिदायत दी गई कि बुलवाइयों के ख़िलाफ़ किसी तरह की कार्रवाई ना करें। 2002 फ़सादाद के दौरान कुलदीप शर्मा इन्सपेक्टर जनरल पुलिस (अहमदाबाद) थे।