मोदी के मंत्री एमजे अकबर ने कहा- भाईचारा बढ़ाने के लिए शाहजहां ने दारा शिकोह को उत्ताराधिकारी चुना

नई दिल्ली- विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने गुरुवार को कहा कि मुगल शासक शाहजहां ने औरंगजेब के बजाय अपना उत्तराधिकारी दारा शिकोह को इसलिए बनाना पसंद किया था क्योंकि शाहजहां को पता था कि जनता का दिल को बिना जीते शासन नहीं किया जा सकता है। शाहजहां भाईचारे के ज़रिए भारत पर शासन करने के हिमायती थे , और इसके पीछे कोई भावनात्मक वजह कारण थी ।
अकबर ने भारतीय सांस्कृति संबंध परिषद की ओर से ”दारा शिकोह: भारत की आध्यात्मिक विरासत की पुनर्स्‍थापना” विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे ।अकबर ने कहाकि उनकी दिलचस्पी इस सवाल में है कि क्यों मुगल बादशाह शाहजहां ने अपने सबसे बड़े बेटे दारा शिकोह को अपने दरबार में रखा जबकि दूसरे बेटों को सूबेदार बनाकर बाहर भेज दिया.

दारा शिकोह, शाहजहां के चार बेटों में सबसे बड़े थे और औरंगजेब ने उनका कत्ल करा दिया था. उन्‍होंने इस्लाम और हिन्दू धर्म का तुलनात्मक मूल्यांकन करने की कोशिश की. उन्होंने संस्कृत सीख कर वेदों और उपनिषदों का गहराई से अध्ययन किया था.

एम जे अकबर ने कहा दारा को शाहजहां द्वारा अपना सहायक बनाना भावनाओं पर आधारित नहीं था, अकबर ने कहा कि मुगलों में सबसे बड़े बेटे को उत्‍तराधिकारी बनाने की परंपरा कभी नहीं रही. उन्होंने कहा कि शाहजहां जानते थे कि भारत पर आध्यात्मिकता के जरिये शासन किया जा सकता है. यह आध्यात्मिकता भाईचारे के दर्शन से आती है.

दारा ने अपनी अहम रचना ‘सिर्र-ए-अकबर’ (बड़ा रहस्य) की प्रस्तावना में लिखा है कि कुरान की कुछ आयतें उपनिषद में भी मौजूद हैं. उसने उपनिषद का पारसी में अनुवाद भी किया था. इस कार्यक्रम में अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, कजाखस्तान और भारत सहित सात देशों के विद्वान हिस्सा ले रहे हैं.