नई दिल्ली: 2010 में राम मंदिर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के ऐतिहासिक फैसले में शामिल निर्मोही अखाड़े के प्रमुख महंत पुजारी रामदास ने प्रधानमंत्री मोदी पर इल्जाम लगाते हुए कहा है कि राम मंदिर बनाने के मुद्दे पर मोदी सरकार हिंदुओं के साथ धोखा कर रही है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सालों पुराने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद इन दिनों फिर सुर्ख़ियों में हैं क्योंकि बीजेपी के शीर्ष नेतायों ने बार-बार दोहराया है कि आने वाले विधान सभा चुनावों में राम मंदिर निर्माण एक मुद्दा नहीं है।
महंत पुजारी रामदास ने कहा कि बीजेपी के कहने और करने में बहुत फर्क है। इनका मुद्दा था राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। लेकिन अब बीजेपी इस मुद्दे को उठाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही। हालांकि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद लगातार कहते रहे हैं कि राम मंदिर कोई मुद्दा नहीं है। जबकि एक समय था कि वे हिंदुत्व के हिमायती थे।
उनके ऐसे बयानों से बहुत निराशा होती है। इन्होंने हिंदुस्तान के हिंदुओं और अयोध्या के साधु संतों को छला है। हिंदुओं ने इन्हें चुनाव में जिताया। लोकसभा में हिंदुओं ने इन्हें एकजुट होकर वोट दिया था क्योंकि उन्हें आशा थी कि ये लोग मंदिर बनाएंगे। लेकिन अब साधु संतों का समाज इनके बहकावे में नहीं आएगा, इनकी असलियत को लोग जान गए हैं। 1990 में आडवाणी की रथ यात्रा के संयोजक नरेंद्र मोदी ही थे। अगर उनका मकसद नहीं था तो वे संयोजक क्यों बने? क्या सत्ता पाना उनका मकसद था? मेरा तो इतना ही कहना है कि राम को भुलाएंगे तो फिर दिक्कत में आ जाएंगे, ये पक्की बात है।”