मोदी ने बेहोशी की दवा बिना ऑपरेशन कर दिया, मोदी को नोटबंदी की सलाह देने वाले-अनिल बोकिल

आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच सौ और एक हज़ार रुपये के नोटबंदी का ऐलान किया। इस के बाद से पूरे देश में हलचल मच गई है। कहा गया कि सरकार ने यह काम अर्थक्रांति नाम के संगठन को चलाने वाले अनिल बोकिल की सलाह पर यह कदम उठाया है।

इस बीच नोटबंदी के लगभा 13 दिन बाद “पीएम नरेंद्र मोदी को बड़े नोटों को बंद करने की सलाह देने वाले पुणे के अनिल बोकिल सरकार के अचानक लिए गए फैसले से खफा बताए जा रहे हैं। बोकिल ने कहा कि नोटबंदी पर सरकार के फैसले में उनके सारे सुझावों को शामिल नहीं किया गया। बोकिल ने अपनी नाखुशी जाहिर करते हुए कहा है कि सरकार ने बेहोशी की दवा दिये बिना ऑपरेशन कर दिया है।”

मुंबई मिरर अखबार से बातचीत के दौरान बोकिल ने कहा कि अगर उनके सभी सुझाव एक साथ मान लिये जाते,  तो इससे आम आदमी को तो फायदा होता ही, पूरी व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव आता। हालांकि वह अब भी निराश नहीं हैं। वह कहते हैं,  ‘सब कुछ खत्म हो गया, हम ऐसा नहीं मान रहे। हम सब देख रहे हैं लेकिन, सरकार ने बेहोशी की दवा दिये बिना ऑपरेशन कर दिया। इसलिए मरीजों को जान गंवानी पड़ी।

गौर हो कि आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब अचानक रात आठ बजे नोटबंदी का एलान किया तो नोटबंदी शब्द और नरेंद्र मोदी के साथ एक और शख्स राष्ट्रीय मीडिया में चर्चा में आ गया। अनिल बोकिल वहीं शख्स हैं। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि पुणे के अनिल बोकिल ही वह शख्स थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़े नोटों को प्रतिबंधित करने का सुझाव दिया था।  अनिल बोकिल थिंक टैंक अर्थक्रांति प्रतिष्ठान का संचालन करते हैं।

बोकिल ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने उनके सुझाव को पूरा न मानने के बजाय अपनी पसंद को ही सर्वोपरि रखा। बोकिल ने बताया कि उन्होंने पीएम के सामने एक व्यापक प्रस्ताव रखा था इसके पांच आयाम थे। केंद्र ने इनमें सिर्फ दो को ही माना। यह अचानक में उठाया गया कदम था, ना कि बहुत ज्यादा सोचा-समझा। बोकिल ने कहा कि इस फैसले का ना तो स्वागत ही किया जा सकता है और ना ही इसे पूरी तरह से खारिज किया जा सकता है। हम इसे फैसले को स्वीकार करने के लिए बाध्य हैं। हमने मोदी सरकार को नोटबंदी को लेकर जो रोडमैप दिए थे, उससे ऐसी परेशानियां नहीं थी।