मोदी मुल्क की मईशत पर मनमोहन सिंह से सबक़ लेने पर मजबूर

नई दिल्ली: कांग्रेस के नायब सदर राहुल गांधी ने वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी को सख़्त तन्क़ीद का निशाना बनाया और कहा कि उनकी हुकूमत एक के बाद एक ग़लती करती जा रही है। उन्होंने यहां इन एसयू आई के इजलास से ख़िताब करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने मुल्क की मईशत के काम काज के ताल्लुक़ से साबिक़ वज़ीरे आज़म डाँक्टर मनमोहन सिंह से एक घंटे की क्लास ( सबक़ ) ली है।

उन्होंने इद्दिआ किया कि मोदी हुकूमत एक के बाद एक ग़लती करती जा रही है। ये वाज़िह करते हुए कि वज़ीरे आज़म का मैक इन इंडिया प्रॉजेक्ट एक बड़ा सिफ़र है उन्होंने कहा कि मैक इन इंडिया मुहिम से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है क्योंकि ज़रूरत इस बात की है कि सब से पहले गरीब अवाम को बा इख़तियार बनाया जाये।

उन्होंने कहा कि मोदी ख़ुद बलंद बाँग दावे करते हैं लेकिन उन्होंने ख़ुद आज शाम साबिक़ वज़ीरे आज़म मनमोहन सिंह से सबक़ लिया है। राहुल गांधी ने मोदी पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि उन्होंने चीन का दौरा किया अमरीका का दौरा किया और मंगोलिया भी गए लेकिन उन के पास परेशान हाल किसी किसान के घर का दौरा करने का वक़्त नहीं है।

राहुल गांधी ने आर एस एस पर भी तन्क़ीद की और कहा कि ये तंज़ीम विज़ारत तालीम के लिए पालिसीयों का तीन कर रही है। इस से क़बल साईंस दान हुकूमतों को मश्वरे दिया करते थे लेकिन अब उन्होंने एसा करना छोड़ दिया है। उन्होंने आर एस एस के डिसीपिलिन को निशाना बनाया और कहा कि आर एस एस की जानिब से डिसीपिलिन और नज़म के नाम पर किसी फ़र्द की इन्फ़िरादियत को ख़त्म किया जाता है।

आर एस एस की शाखाओं में हर किसी को सीधी क़तार में खड़ा किया जाता है। अगर कोई क़तार से बाहर आजाए तो उसे लाठियों से सज़ा दी जाती है। ये डिसीपिलिन के नाम पर इन्फ़िरादियत को ख़त्म करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि आर एस एस मुबाहिस यह तबादले ख़्याल की भी हामी नहीं है जबकि कांग्रेस पार्टी में दाख़िली मुशावरत होती है। बी जे पी अब हिन्दुस्तान में दाख़िली मुज़ाकरात को ख़त्म करने के दर पे है।

उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि आर एस एस ने डिसीपिलिन के नाम पर लाखों अफ़राद की ज़बान बंद करदी है। ये लोग अपने हथियार बुलंद करते हैं जैसा कि जर्मनी में किया गया था। राहुल गांधी ने कांग्रेस की तलबा तंज़ीम से कहा कि वो तालीमी इदारों में आर एस एस का मुक़ाबला करें जहां आर एस एस अपने नज़रियात पेश करने कोशां है। जहां कहीं आर एस एस अपनी सोच मुसल्लत करना चाहे उन एसयू आई को उसे रोकना चाहिए और आवाज़ बुलंद करनी चाहिए।