कांग्रेस एमपी व पार्टी के तर्जुमान राज बब्बर की तरफ से मोदी की सेक्युरिटी पर दिए गए बयान से वे एक फिर तनाज़ो में घिर सकते हैं। उन्होंने कहा था कि ‘मोदी से लेकर अजमल कसाब तक सबको सेक्युरिटी के हुकूक है’।
अपनी गलती का अहसास होते ही उन्होंने इसे सुधारने की कोशिश की और कहा कि उन्होंने मोदी और कसाब के बीच बराबरी नहीं की है, बल्कि सिर्फ मिसाल दी है। यूं तो हुकूमत की ओर से यह साफ किया जा चुका था कि मोदी को मुनासिब सेक्युरिटी दी गई है। लेकिन मोदी के साथ कसाब का नाम लेना सियासी माहौल गर्म कर सकता है। मालूम हो कि कसाब को मुंबई दहशतगर्द हमले में फांसी दी जा चुकी है।
पटना में रैली के दौरान हुए धमाकों से फिक्रमंद बीजेपी ने अपने पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए भी वज़ीर ए आज़म के ही रूबरू सेक्युरिटी की मांग की है। हालांकि, हुकुमत की ओर से भी यह साफ कर दिया गया है कि मोदी की सेक्युरिटी मुनासिब है और फिलहाल उसे बढ़ाने या एसपीजी सेक्युरिटी देने पर गौर नही किया जा रहा है।
बीजेपी की सेक्युरिटी बढ़ाने की मांग को वज़ीर ए दाखिला सुशील कुमार शिंदे ने खारिज कर दिया। वहीं, मरकज़ के रियासती वज़ीर ए दाखिला आरपीएन सिंह ने कहा कि मोदी को एनएसजी सेक्युरिटीइ समेत कई दिगर खुसूसी लोगों के मुकाबले अभी भी तीन-चार गुनी ज्यादा सेक्युरिटी दी जा रही है।