खानकाह रहमानिया, मुंगेर के सज्जाद नशीं और इमारत शरिया के नायब सदर नामी मुस्लिम दानिश्वरमंद सय्यद मौलाना वली रहमानी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के वर्किंग जेनरल सेक्रेटरी बनाए जाने पर इमारत-ए-शरिया में उनका इस्तकबाल किया गया। उन्होंने कहा कि वजीरे आजम नरेंद्र मोदी मुल्क के अक़लियतों के साथ इम्तियाज़ी सुलूक बरत रहे हैं। आरएसएस के इशारे पर चल रही मोदी की हुकूमत आरएसएस के एजेंडे को पूरे मुल्क में लागू करके इस्लाम को खत्म करने का पॉलिसी रचा जा रहा है। इतना ही नहीं मुस्लिमों से मुतल्लिक़ कानून के सारे कानून को भगवाकरण किया जा रहा है। उन्होंने मोदी हुकूमत पर जमकर वार करते हुए कहा कि बराबरा शहरी कानून , 2013 वक्फ बोर्ड अधिनियम समेत दीगर मुस्लिम एक्ट को खत्म करने की साजिश चल रही है जो भारत जैसे सेकुलर मुल्क के लिए काला धब्बा है। मौलाना रहमानी ने कहा कि योग तो इस्लाम में शुरू से ही है। नमाज योग का ही दूसरा शक्ल है। उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार और आज के योग को भगवाकरण के चश्मे से पेश किया जा रहा है, इसे इस्लाम के खिलाफ बताया। उन्होंने इफ्तार पार्टी को सियासी शक्ल दिए जाने को सामाजिक जुर्म करार दिया। इमारत-ए-शरिया के अमीर-ए-शरियत और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के जेनरल सेक्रेटरी सैयद सैयमौलाना निजामुद्दीन ने कहा कि सादगी और सुझबूझ के मालिक मौलाना वली रहमानी को जेनरल सेक्रेटरी का काम व हक़ सौंप रहा हूं।
मौलाना वली रहमानी के आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वर्किंग जेनरल सेक्रेटरी बनने इमारत-ए-शरिया में मुनक्कीद इस्तकबाल तकरीब में अमीर-ए-शरियत मौलाना निजामुद्दीन, नाजिम मौलाना अनिसुर रहमान कासमी, हुस्न अहमद कादरी, मुफ्ती सनाउलहोदा कासमी व दीगर।
इमारत के नाजिम व रियासत हज कमेटी के सदर मौलाना अनिसुर्रहमान कासमी ने कहा कि मुल्क में इस्लाम के प्रसार-प्रचार करने में मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का अहम रोल रहा है। उन्होंने मौलाना वली रहमानी की कियाद्त में शरीयत की रोशनी में इस्लाम को फायदा होगा। जमियतुल उलेमा बिहार के जेनरल सेक्रेटरी हुस्न अहमद कादरी ने मुबारकबाद देते हुए कहा कि सय्यद मौलाना रहमानी के वालिद मरहूम मिनतुल्लाह रहमानी मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सरपरस्ती में एक थे। उसी रिवायत को निभाते हुए उनके बेटे मौलाना रहमानी इसे नयी ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। इस मौके पर चीफ़ काजी मौलाना जसिमुद्दीन रहमानी, रागीव हसन, अब्दुल मतीन, नजमुल हसन नजमी वगैरह मौजूद थे।