नई दिल्ली
नरेंद्र मोदी हुकूमत ने तक़रीबन 120 क़वानीन की तंसीख़ अमल में लाई है और माबाक़ी 945 क़वानीन को बर्ख़ास्त करने पर ग़ौर किया जा रहा है। इस के लिए पार्लियामेंट की मंज़ूरी का इंतेज़ार है। इन क़वानीन को उनकी किताबों से हज़फ़ कर दिया जाएगा।
विज़ारते क़ानून के महिकमा लेजिस्लेटिव की जानिब से तैयार करदा डाटा के मुताबिक़ पार्लियामेंट में दो बिलों की मंज़ूरी के साथ ही 125 क़वानीन को बर्ख़ास्त कर दिया गया है। मज़ीद दो बिल्स पार्लीमानी मंज़ूरी के लिए ज़ेर-ए-इलतेवा हैं। जब भी इन बिलों को मंज़ूरी मिल जाएगी, दीगर 945 क़वानीन को भी हज़फ़ कर दिया जाएगा।
विज़ारते क़ानून में महिकमा लेजिस्लेटिव के सेक्रेटरी संजय सिंह ने कहा कि हम ने 1871 से ज़ाइद क़वानीन की निशानदेही की है जिन की तंसीख़ ज़रूरी है क्योंकि इन क़वानीन की मौजूदा दौर में कोई इफ़ादियत नहीं है। साल 2001 से पहली मर्तबा विज़ारते क़ानून की जानिब से उन क़वानीन को बर्ख़ास्त करने का काम शुरू किया गया है।
वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी के एजंडे के मुताबिक़ ही काम किया जा रहा है। हुकूमत का मंसूबा है कि ऐसे क़वानीन को बर्ख़ास्त कर दिया जाये जो इस के काम काज में रुकावट बन रहे हैं। हुक्मरानी की कारकर्दगी को मुतास्सिर करने वाले क़ानून को हज़फ़ कर दिया जा रहा है।