मोबाइल और जींस पर पाबंदी सिर्फ लड़कियों पर ही क्यों?

खाप-पंचायतों की तरफ से लड़कियों के मोबाइल इस्तेमाल करने व जींस-शर्ट पहनने पर पाबंदी लगाने के खिलाफ अब कौमी ख्वातीन कमीशन (National Commission for Women) ने मोर्चा संभाल लिया है। कमीशन की रुकन ( Member) शमिना शफीक ने कहा कि पंचायत का फरमान यह लड़का-लड़की में इम्तियाज़ी सुलूक ( भेदभाव) नहीं तो और क्या है?

शमिना शफीक ने पीर के दिन ज़िले के गरनावठी गांव का दौरा करने के बाद रोजनामा जागरण से बातचीत कर रही थीं। उन्होंने बताया कि गांव में आनर किलिंग के बारे में लिए कोई भी मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं है।

शफीक ने कहा कि गरनावठी में लड़को और लड़कियो का कत्ल ऑनर किलिंग नहीं बल्कि हॉरर किलिंग है। कानून इसकी इजाजत नहीं देता है। आनर किलिंग के बारे में शफीक ने कहा कि हालांकि धर्मेद्र के घर वाले बोलना चाहते हैं, लेकिन उनको सामाज का डर सता रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच करवाई जा रही है कि इस वारदात के पीछे मुतास्सिरा खानदान पर किसी तरह का सामाजी दबाव तो नहीं था।

उन्होंने कहा कि वे हिंदू मैरिज एक्ट में तरमीम की हामी नही हैं |

———बशुक्रिया: जागरण