गुजरात हाईकोर्ट ने हैदराबाद के आलमे दीन मौलाना अब्दुलकवि की मशरूत ज़मानत मंज़ूर की। उन्हें गुजरात अहमदाबाद की डिटेक्शन क्राईम ब्रांच (डी सी बी) ने मुल्क के ख़िलाफ़ मुबय्यना सरगर्मीयों और गुजरात पुलिस को मतलूब दहश्तगरदों से राबिता रखने के के केस DCB-6 में गिरफ़्तार किया गया था।
साबिक़ में पोटा की ख़ुसूसी अदालत ने दरख़ास्त ज़मानत मुस्तर्द करदी थी जिस के बाद मौलाना अब्दुल कवि हाईकोर्ट से रुजू हुए थे। वकील दिफ़ा की बेहस के बाद गुजरात हाईकोर्ट की दो रुकनी बंच जस्टिस अनंत एस दावे और जस्टिस मनिंदर पाल ने मौलाना की मशरूत ज़मानत मंज़ूर करते हुए उनकी रिहाई का हुक्म दिया।
बताया जाता हैके हाईकोर्ट ने मौलाना अब्दुल कवि को 50 हज़ार रुपये की ज़मानत पर रिहा करने और पासपोर्ट मुताल्लिक़ा पुलिस ओहदेदारों को सौंपने की हिदायत दी।
कोर्ट ने मौलाना को डी सी बी के दफ़्तर वाक़्ये अहमदाबाद में हर माह हाज़िरी देने की शर्त आइद की। वाज़िह रहे के नाज़िम मुदर्रिसा अशर्फ़ उल-उलूम वाक़्ये ख़्वाजाबाग़ सईदाबाद को जारीया साल 24 मार्च को डी सी बी ओहदेदारों ने नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ़्तार करलिया था और उनके ख़िलाफ़ पोटा जैसे सख़्त क़ानून के तहत चार्ज शीट दाख़िल की थी।
वकील दिफ़ा ने अदालत में अपना ये इस्तिदलाल पेश किया कि तहक़ीक़ाती एजेंसी ने इस केस की तहक़ीक़ात मुकम्मिल करली है और चार्ज शीट भी दाख़िल की जा चुकी है।
उन्होंने अदालत को ये भी वाक़िफ़ करवाया कि 11साल तवील अर्सा तक मौलाना को मतलूब बताते हुए उन्हें मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और उनके मुवक्किल के ख़िलाफ़ आइद किए गए इल्ज़ामात को बेबुनियाद और ग़लत होने का दावा किया। मौलाना पर डी सी बी ओहदेदारों ने अपनी चार्ज शीट में ये इल्ज़ाम आइद किया कि पाकिस्तानी दहश्तगर्द तंज़ीमों के लिए मुबय्यना तौर पर नौजवानों को पाकिस्तानी दहश्तगर्द ट्रेनिंग कैंप को रवाना किया ताकि गोधरा फ़िर्कावाराना तशद्दुद का इंतेक़ाम लिया जा सके।
मौलाना अब्दुल कवि की ज़मानत मंज़ूर होने की इत्तेला आम होते ही उनके हामीयों और अरकाने ख़ानदान में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। बताया जाता हैके अंदरून दो यौम मौलाना की साबरमती जेल से रिहाई अमल में आएगी।