अब्दुल हमीद अंसारी, किशनगंज। बिहार के कई जिले बाढ़ से प्रभावित है। हालात ये कि तस्वीरें और विडियो को देखकर दिल दहल जाये। इंसान से लेकर जानवर सब प्रभावित हैं। बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही बिहार के सीमांचल इलाकों में मचाई है।
सीमांचल का किशनगंज बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है। तबाही का नजारा बहुत ही दर्दनाक है। वायरल हो रही तस्वीरें दर्दनाक कहानी बयान कर रहे है। जब बात राहत कार्य की आती है तो किशनगंज के सासंद मौलाना असरारुल हक़ कासमी के तरफ आपका ध्यान जरूर आकर्षित करेगा।
मौलाना असरारुल हक़ कासमी बाढ़ के शुरूआती दौर से ही किशनगंज में डटे हुए हैं। अपने इलाके में रात- अपने क्षेत्रों में दिन घुम- घुम कर राहत एवं बचाव कार्य में मदद पहुंचा रहे हैं। मौलाना असरारुल हक़ कासमी खुद एक संस्था ‘अॉल इंडिया तालिमी मिल्ली’ के जरिए हर मुमकिन मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने लगातार अखबार और टीवी के जरिए देश के संस्थानों और लोगों से मदद की अपील कर रहे हैं। उनके अपील के बाद कई मुस्लिम संगठनों ने सोशल मीडिया के जरिए मदद के लिए मुहीम चला रहे हैं।
उनके अपील पर मशहूर युवा शायर इमरान प्रतापगढ़ी कई संगठनों के लोगों के साथ एक टीम लेकर सीमांचल के दौरा पर किशनगंज पहुंचे। 23 अगस्त से लगातार उन्होंने वहां खुद राहत सामग्री के समानों को प्रभावित लोगों तक पहुंचाए। इसके बाद इमरान प्रतापगढ़ी ने मौलाना असरारुल हक़ कासमी से मुलाकात कर राहत सामग्री को उनके हवाले कर दिया।
मौलाना असरारुल हक़ कासमी की छवि शुरू से एक मददगार शख्स की रही है। उनको लोग खिदमत के लिए भी जानते हैं। एक साक्षात के दौरान मौलाना ने बताया कि अब तक के इतिहास में यह सबसे ज्यादा तबाहीकून बाढ़ है। लोगों के मकान ढह कर बर्बाद हो गये हैं।
खाने का जो समान था वह सब बाढ़ की वजह से सब दह गये हैं। पानी कम होने की वजह से राहत कार्य में काफी तेजी आई है, लेकिन मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
कहा जा रहा है कि संगठनों में तालमेल की कमी होने की वजह से एक जगह पर कई संगठन के लोग राहत कार्य के लिए पहुंच जा रहे हैं, जिसकी वजह से ज्यादा लोगों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच पा रहे हैं।