यांगून, 03 मार्च: अप्रैल (एजैंसीज़) म्यंमार के एक दीनी मुदर्रिसा-ओ-यतीम ख़ाना में मुहीब आग भड़क उठी जिससे 13 यतीम बच्चे ज़िंदा जल कर जांबाहक़ हो गए। आतिश फ़िरौ अमला ने इस आग की वजह बर्क़ी अशिया में शॉट सर्किट बताया है। मुस्लिम तनज़ीमों ने बुद्धिस्टों की अक्सरियत वाले मुल्क में मुस्लिम कश फ़सादाद की लहर के पेशे नज़र यतीम ख़ाने में आतिशज़दगी वाक़िया को बुद्धिस्टों की कारस्तानी का शुबा ज़ाहिर किया है।
वस्त म्यंमार में वाकेय् यतीम ख़ाने में आग भड़क उठने के बाद बच्चे दम घुटने से फ़ौत हो गए। म्यंमार के साबिक़ दार-उल-हकूमत यांगून के ज़िला बोता तंग में हमा नस्ली आबादी वाकेय् है । ये वाक़िया रात देर गए 2 बजकर 40 मिनट पर पेश आया। यांगून के फ़ायर सर्विस अमला का कहना है कि इसने पोलीस के साथ मुहीब आग लगने के वाक़िया की तहकीकात के लिए एक टीम तशकील दी है। इस टीम में इलेक्ट्रिसिटी कंपनी और मुस्लिम ग्रुप्स के नुमाइंदों को भी शामिल किया गया है।
फ़ायर सर्विस के ओहदेदार ने बताया कि यतीम ख़ाना की सीढ़ियों पर रखे गए एक ट्रांस्फ़ार्मर फट पड़ने से आग भड़क उठी और ये आग तलबा जिस कमरे में सो रहे थे, फैल गई जिस से 12 साल की उम्र में 13 यतीम बच्चे दम घुटने और धुआँ फेफड़ों में घुसने के बाइस जांबाहक़ हो गए। बताया जाता है कि उस वक़्त तकरीबन 70 बच्चे महव ख़ाब थे। मस्जिद के अहाता में सोने वाले बच्चे आग भड़क उठने के बाद बच कर निकलने में कामयाब हो गए । बच्चों को दरवाज़ा पर लगे दुहरे क़ुफ़ुल को तोड़ने में दिक़्क़त हुई।
यांगून डे वीज़न के सरबराह कर्नल वन नाईइंग ने बताया कि लापरवाही का केस रजिस्टर किया गया है और मस्जिद के लिए ख़िदमात अंजाम देने वाले ज़िम्मेदारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी । इमाम साहब या यतीम ख़ाना के मुदर्रिसीन से पूछगिछ की जा रही है। यतीम ख़ाना के ज़िम्मेदारों से भी पूछगिछ की गई है। पड़ोसियों और ऐनी शाहिदीन का कहना है कि यतीम ख़ाना के दरवाज़ा को अंदर से दुहरे क़ुफ़ुल से बंद कर दिया गया था।
मुल्क भर में मार्च में तशद्दुद की लहर फूट पड़ने के बाद सेक्युरिटी के बाइस एहतियात के तौर पर दरवाज़ों को बंद कर दिया गया था । यतीम बच्चों के जुलूस जनाज़ा में पाँच हज़ार से ज़ाइद अफ़राद ने शिरकत की। बाद नमाज़ ज़ुहर यांगून के क़ब्रिस्तान में तदफ़ीन अमल में आई।