4नई दिल्ली, 3 जनवरी: म्यांमार ने हिंदूस्तान को यक़ीन दिलाया है कि वो अपने इलाक़े को मुख़ालिफ़ हिंद अनासिर की तरफ से इस्तेमाल करने की इजाज़त नहीं देगा और बैन-उल-अक़वामी सरहद के पास असलाह की स्मगलिंग और मुनश्शियात का कारोबार रोकने में क़रीबी तआवुन करने का वाअदा किया।
म्यांमार के नायाब वज़ीर बराए उमूर दाख़िला ब्रिगेडियर जनरल कियाव ज़ान मैनिट ने सैक्रेटरी, बॉर्डर मैनेजमंट, वज़ारत-ए-दाख़िला ए के मंगू तरह को यहां मुनाक़िदा एक बाहमी इजलास के दौरान इस बात से वाक़िफ़ कराया। हिंदूस्तान और म्यांमार के दरमयान मुश्तर्क कल्चर और रिवायती तौर पर क़रीबी रिश्ते की याद ताज़ा करते हुए मंगू तरह ने दोनों मुल्कों के दरमयान तआवुन को मज़बूत करने के लिए हिंदूस्तान के अह्द का इज़हार किया ताकि मुनश्शियात की तिजारत, असलाह की स्मगलिंग और इंतिहापसंदी और दहश्तगर्दी में गठजोड़ का सफ़ाया किया जा सके।
उन्होंने हिंद। म्यांमार सरहद के पास मरबूत तिल्ला ये गर्दी और ख़ित्ते में अमन और मआशी ख़ुशहाली के लिए म्यांमार में हिंदूस्तानी शोरिश पसंद ग्रुपों के कैंपस को ख़त्म करने में भी म्यांमार का तआवुन चाहा। वज़ारत-ए-दाख़िला के ओहदादार ने कहा कि ब्रिगेडियर जनरल मैनिट ने इस तीक़न का इआदा किया कि म्यांमार कभी भी शोरिश पसंदों और मनफ़ी अनासिर को इस का अलावा अपने पड़ोसी हिंदूस्तान के लिए नुक़्सानदेह सरगर्मीयों के लिए इस्तेमाल करने की इजाज़त नहीं देगा।
दोनों फ़रीक़ों ने मुख़्तलिफ़ मसाइल पर तबादला-ए-ख़्याल किया और क़रीबी तआवुन से इत्तेफ़ाक़ किया, जैसे सरहद के पास शोरिश पसंद ग्रुपों की मौजूदगी, असलाह की स्मगलिंग और मुनश्शियात की तिजारत, बॉर्डर मैनेजमंट, अंडमान और निकोबार की जेलों में म्यांमारी मछेरों की मौजूदगी, जंगलाती अशीया की गै़रक़ानूनी स्मगलिंग और सतूनों का मुआइना और उन की तसदीक़। दोनों फ़रीक़ों ने चानगलानग (अरूणाचल प्रदेश) और पनगसाव (म्यांमार ) के दरमयान तीसरे सरहदी राबिता दफ़्तर की कुशादगी पर इतमीनान का इज़हार किया।