मग़रिबी बंगाल राज्य सभा कांग्रेसी उम्मीदवार मन्नान को दसतबरदारी की हिदायत

वाज़िह तौर पर तृणमूल कांग्रेस की सरबराह ममता बनर्जी के दबाव के तहत कांग्रेस ने आज अपने उम्मीदवार अबदुल मन्नान को राज्य सभा के मग़रिबी बंगाल में इंतेख़ाबात की उम्मीदवारी से दसतबरदारी इख्तेयार करने की हिदायत दी है।

सीनीयर क़ाइद शकील अहमद इंचार्ज कांग्रेस पार्टी उमोर मग़रिबी बंगाल ने आज पी टी आई से कहा कि उन्होंने आज सुबह अबदुल मन्नान को हिदायत दी है कि अपनी नामज़दगी से दसतबरदारी इख्तेयार कर लें ताकि तृणमूल कांग्रेस के साथ इत्तेहाद पर मनफ़ी असर से गुरेज़ किया जा सके। ये इक़दाम पर्चा नामज़दगी बराए राज्य सभा इंतेख़ाबात से दसतबरदारी इख्तेयार करने के आख़िरी दिन किया गया है।

अपना उम्मीदवार खड़ा करने का कांग्रेसी इक़दाम तृणमूल कांग्रेस और मग़रिबी बंगाल की चीफ़ मिनिस्टर ममता बनर्जी की जानिब से उनकी नाराज़गी का इशारा देने की वजह बन गया था। उन्होंने नोट रवाना किया था कि पार्टी बाएं महाज़ की ताईद के बगै़र कामयाबी हासिल नहीं कर सकती। ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर कांग्रेस और बाएं बाज़ू के दरमयान राज्य सभा इंतेख़ाबात के लिए कोई समझौता होता है तो तृणमूल कांग्रेस बड़ी बातों के सिलसिला में अच्छी तब्दीली की उम्मीद नहीं रख सकती।

तृणमूल की सरबराह ने कांग्रेस के लिए एक नशिस्त छोड़ने से इन्कार कर दिया था। ममता बनर्जी ने मर्कज़ी वज़ीर मुकुल राय और 3 सहाफ़ीयों को पार्टी के उम्मीदवार नामज़द किए थे। जबकि वो राज्य सभा की 4 नशिस्तों के लिए मुक़ाबला कर रही थी। ये मसला दोनों हलीफ़ पार्टीयों के लिए तनाज़ा की बुनियाद बन गया। वज़ीर रेलवे के ओहदा से दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफ़ा के बाद कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के दरमयान ये दूसरा तनाज़ा था।

कांग्रेस ने 4 रुकनी ग्रुप बिशमोल मर्कज़ी वज़ीर फायनेन्स परनब मुकर्जी और अहमद तशकील दिया था ताकि इस मसला पर फ़ैसला किया जा सके। कांग्रेस के 42 वोट हैं और एक आज़ाद रुकन की उसे ताईद हासिल है। उसे मज़ीद 7 अरकान की ताईद की ज़रूरत थी ताकि इस का उम्मीदवार कामयाबी हासिल कर सके। कांग्रेस उम्मीदवार की मुक़ाबला से दसतबरदारी का मतलब ये है कि वो बाएं बाज़ू की पार्टीयों की मदद हासिल करना नहीं चाहती थी।

जिन के 10 फ़ाज़िल वोट हैं। वो कांग्रेस के नामज़द उम्मीदवार की ताईद कर सकते हैं। लेकिन इससे ममता बनर्जी की ब्रहमी लाज़िमी है। ममता बनर्जी के इज़हार-ए-नाराज़गी के इलावा आइन्दा फायनेन्स बिल और सदारती इंतेख़ाबात में भी कांग्रेस क़ियादत पर असर डाला है।