अमेरिका का कहना है कि उसने संयुक्त राष्ट्र के बजट में ठीक ठाक कटौती करवाई है. येरुशलम के मुद्दे पर भड़का अमेरिका पहले ही कड़े कदमों की चेतावनी दे चुका था.
अमेरिकी सरकार का दावा है कि उसने संयुक्त राष्ट्र के बजट में अच्छी खासी कटौती का प्रस्ताव तैयार किया. संयुक्त राष्ट्र के अमेरिकी मिशन के मुताबिक 2018-19 में यूएन के बजट में 28.5 करोड़ डॉलर से ज्यादा कटौती होगी. कटौती यूएन के मैनेजमेंट और सपोर्ट फंक्शन में भी की जाएगी.
यह साफ नहीं बताया गया कि अमेरिका कुल कितना पैसा काटेगा. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने सिर्फ इतना ही कहा कि यूएन की “अक्षमता और अतिखर्च” से सब वाकिफ है. हेली के मुताबिक, वह संगठन को “अमेरिकी लोगों की उदारता का फायदा नहीं उठाने” देंगी.
यूएन की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े करते हुए हेली ने कहा कि बजट कटौती के साथ ही अमेरिकी मिशन “अपने हितों की सुरक्षा करते हुए, संयुक्त राष्ट्र की क्षमता को बेहतर करने के उपाय” भी खोजेगा.
बजट कटौती का फैसला संयुक्त राष्ट्र आम सभा में येरुलशलम पर वोटिंग के ठीक बाद सामने आया है. आम सभा में अमेरिकी दूतावास को येरुशलम ले जाने के फैसले का बहुमत से विरोध हुआ.
फैसले के विरोध में 128 वोट पड़े. असल में अमेरिका ने दिसंबर में इस्राएल स्थित अपने दूतावास को तेल अवीव से येरुशलम ले जाने का फैसला किया. इस फैसले का दुनिया भर में विरोध हुआ.
इस पर संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग भी हुई. वोंटिंग से पहले ही अमेरिका कह चुका था कि येरुशलम के मुद्दे पर उसके खिलाफ वोट करने वालों को नतीजे भुगतने होंगे.