नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र उमर खालिद, जिन्हें राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था ,को शुक्रवार को अंतरिम जमानत पर रिहा दिया कर गया, ने कहा कि मुस्लिम होने की वजह से उनको आतंकवादी करार दिया जा रहा था।
तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद जेएनयू छात्र जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने जेएनयू के दोनों छात्रों(उमर,अनिर्बान ) का स्वागत किया गया।
जेएनयू कैम्पस में जेएनयू छात्र, खालिद ने कहा, “मैंने कभी भी इस्लाम का पालन नहीं किया लेकिन फिर भी मुझे मुस्लिम आतंकवादी कहा गया । यह न सिर्फ मेरा ट्रायल है बल्कि पूरे मुस्लिम समुदाय का ट्रायल है |लेकिन मैं कहना चाहता हूँ अगर मैं मज़हब को फोलो कर रहा होता आजमगढ़ से आया हुआ होता और टोपी पहनी होती तो मुझे एक आतंकवादी का सर्टिफिकेट देना उनके लिए बहुत आसान होता |
उन्होंने मीडिया को भी निशाना पर लेते हुए कहा कि मीडिया भी स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर रहा है |
खालिद ने कहा यह देखते हुए कि देश के स्वतंत्रता सेनानियों को भी देशद्रोह के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था, जमानत उनके लिए एक बड़ी जीत है|
उमर और अनिर्बान भट्टाचार्य, को अफजल गुरु की फांसी के विरोध में आयोजित की गयी एक विवादास्पद घटना में भागीदारी के लिए राजद्रोह के आरोप में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था | शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने कन्हैया कुमार के साथ समानता के आधार पर उन्हें छह महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी ।
इससे पहले कन्हैया, को भी जेएनयू में फरवरी 9 घटना के संबंध में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, इस महीने उन्हें जमानत दे दी गयी थी |