सऊदी अरब में ख़ादिमाओं के साथ बदसुलूकी और उनके उमूमी अबतर हालात के सबब युगांडा की हुकूमत ने ऐलान किया है कि वो रियाज़ हुकूमत के साथ होने वाले एक मुआहिदे को पसेपुश्त डालते हुए आइन्दा वहां ख़ादिमाएं भेजना बंद कर रही है।
बाईस जनवरी जुमे को दारुल हुकूमत कम्पाला में ये ऐलान करते हुए युगांडा की हुकूमत ने ये भी कहा कि ख़ादिमाएं भेजने का ये सिलसिला उस वक़्त तक बंद रहेगा, जब तक कि सऊदी अरब में काम के हालात ठीक नहीं हो जाते।
रियाज़ और कम्पाला हुकूमतों के माबैन गुज़िश्ता साल जुलाई में एक मुआहिदे पर दस्तख़त हुए थे, जिसके तहत ये फ़ैसला किया गया था कि युगांडा के यूनीवर्सिटी ग्रेजुएट्स को मादिनी तेल से माला माल सऊदी अरब भेजा जाएगा। युगांडा की नौजवान नसल में बेरोज़गारी की शरह बहुत ज़्यादा है और इस मुआहिदे का मक़सद इस मसले से भी निमटना था।
कम्पाला में सनफ़ी उमूर, मेहनत और समाजी बहबूद की वज़ारत की जानिब से बताया गया है कि युगांडा की हुकूमत को अपने इन वर्कर्स की जानिब से बहुत सी शिकायात मौसूल हुईं, जिनमें कहा गया था कि सऊदी अरब में आजरीन की जानिब से उन के साथ ग़ैर इन्सानी सुलूक रवा रखा जाता है।