उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का वक्त जैसे जैसे नजदीक आ रहा है सियासी मोलभाव शुरु चुका है। पश्चिमी यूपी का जाट समुदाय चुनावी मौके का फायदा उठा कर वर्तमान केंद्र सरकार से अपनी नाराजगी जता रहा है। इसी नाराज़गी को जाहिर करने के लिए 8 जनवरी 2017 को उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आए लगभग 35 खाप नेताओं ने मुजफ्फरनगर के खराड़ में एक सभा आयोजित की। सभा जाट आरक्षण समिति द्वारा आयोजित कराई गई थी। सभा में खाप नेताओं ने मोदी सरकार के कार्यकाल की कड़ी आलोचना की और 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं देने का ऐलान किया। सभा में जाट आरक्षण, किसान कर्ज, फसल का उचित न्यूनतम मूल्य, गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, नोटबंदी से रबी फसल की बुआई में हुई देरी समेत कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की गई। खाप नेताओं ने ऐलान किया कि इस बार यूपी के चुनाव में जाट समुदाय बीजेपी को हराने के लिए वोट करेंगे।
चौधरी सुभाष बालियान सर्व खाप के महामंत्री हैं जिसमें यूपी और हरियाणा की लगभग 365 खाप पंचायत आती हैं। उन्होंने कहा “मुजफ्फरनगर दंगों ने बीजेपी को फायदा पहुंचाया लेकिन इसका अंजाम हमें भुगतना पड़ रहा है। हमारे बच्चे जेलों में बंद हैं। बीजेपी चाहती है कि हम बस बेवजह मुसलमानों से लड़ते रहें हैं।मोदी सरकार इन्होंने जाटों को आरक्षण नहीं दिया और न ही अपने किसी विकास के वादे को पूरा किया। इस सरकार पर भरोसा कर वोट दिया था लेकिन आगे ऐसा नहीं होगा।”
वहीं एक और खाप नेता चौधरी नरेश टिकैत ने कहा, “न सिर्फ जाट बल्कि पूरा किसान समुदाय इस सरकार की वजह से सभी किसान परेशान हैं। हमारे साथ धोका हुआ है, हमे उम्मीद थी कि गन्ना फसल के अच्छे दाल मिलेंगे लेकिन हमारी फसल का सही मूल्य ही नहीं मिल पा रहा है अभी। नोटबंदी ने किसानों की कमर तोड़ दी है इस सरकार को किसान की परेशानी से कोई मतलब नहीं”। इसके अलावा एक और खाप नेता चौधरी जीतेंद्र सिंह हु़ड्डा ने कहा कि इस बार के चुनाव में मुसलमान और जाट एकसाथ है और बीजेपी को अच्छा सबक सिखाया जाएगा।