लखनऊ: चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाली बीजेपी की परिवर्तन यात्रा में जब संतुष्टिजनक भीड़ नहीं आई तो बागपत में बार डांसर्स को बुलाया गया. बीजेपी की परिवर्तन यात्रा के दौरान रैलियों में जनता की कमी को देखते हुए बीजेपी ने महिला डांसर्स का सहारा लिया है. दरअसल बीजेपी यूपी चुनावों में हर पैंतरा अपना रही है.
दलितों को लुभाने के लिए और उन्हें साथ लाने के लिए बीजेपी ने पहले धम्म चेतना यात्रा निकाली. इसके साथ ही बीजेपी के नेताओं ने दलित आइकन्स को फॉलो करने की बात कही. बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की तारीफें कीं, लेकिन ऊनाकांड सहित कई मामलों के कारण दलितों को रिझाने में बीजेपी नाकामयाब रही. इसके साथ ही मिन्हाज अंसारी, अखलाक सहित कई वारदातों के बाद मुस्लिम वर्ग भी बीजेपी से नाराज है.
यह पहली बार नहीं है इससे पहले भी दिवाली के मौके पर मुंबई के वर्ली में बीजेपी द्वारा उत्तर भारतीय लोगों के लिए एक प्रोग्राम कराया गया था. इसमें भी लोगों के मनोरंजन के लिए बार डांसर्स का सहारा लिया गया. बीजेपी नेता अनिरुद्ध सावंत ने इस कार्यक्रम के लिए पोस्टर भी लगवाए जिनके बाद उन्हें काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ीं.
नेशनल दस्तक के अनुसार, उत्तर प्रदेश में यूपी इलेक्शन को लेकर सभी पार्टियां प्रचार में जुट गई हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खाट सभा के सहारे नैया पार लगाने की जुगत में हैं, वहीं समाजवादी पार्टी फैमिली ड्रामे के साथ जनता का ध्यान खींचने की कोशिशों में है. इसके साथ ही सीएम अखिलेश यादव विकास यात्रा कर वोटरों की टोह ले रहे हैं. बीएसपी सुप्रीमो पांच रैलियां कर चुनावी आगाज कर चुकी हैं. वहीं बीजेपी परिवर्तन रैली के जरिए लोगों तक पहुंच बना रही है.
दलितों को लुभाने में नाकाम बीजेपी ने परिवर्तन यात्रा में कोई दलित चेहरा नहीं लिया. साथ ही दलित आइकन्स को भी समय रहते बीजेपी भूल गई. दरअसल लोकसभा चुनावों के समय बीजेपी के जुमले अभी तक पार्टी नेताओं के गले की फांस बने हुए हैं. पार्टी अध्यक्ष हों या खुद पीएम नरेंद्र मोदी, लोग किसी की बात पर विश्वास करने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि लोगों को डर है कि ये वादे भी बाद में जुमलों में न बदल जाएं. हालांकि महिला डांसर्स के प्रोग्राम के सहारे परिवर्तन यात्रा में लोगों की संख्या थोड़ी ज्यादा रही.