यूपी- मजार पर पहुंचे योगी, मौलवी के द्वारा टोपी पहनाने से किया इंकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संतकबीर नगर दौरे से पहले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के कबीर की मजार में टोपी पहनाने को लेकर विवाद हो गया है। दरअसल सीएम योगी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संत कबीर नगर के मगहर में कबीर की मजार पर तैयारियों का जायजा लेने पुहंचे थे। इस दौरान मजार के एक मौलवी ने सीएम योगी को टोपी पहनाने की कोशिश की। लेकिन सीएम योगी ने मौलवी का हाथ पकड़कर टोपी पहनने से इंकार कर दिया। जिससे लेकर एक बार फिर से विवाद शुरु हो गया है। #WATCH: UP CM Yogi Adityanath refuses to wear karakul cap offered to him at Sant Kabir’s Mazar in Maghar. (27.06.2018) pic.twitter.com/MYb9Mar3WP — ANI UP (@ANINewsUP) June 28, 2018 ये भी पढ़ेःसर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, पीसी कर रनदीप सुरजेवाला ने कसा तंज आपको बता दे कि इससे पहले साल 2011 में बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेंद्र मोदी ने अपने उपवास के दौरान मौलाना की तरफ से दी गई टोपी नहीं पहनी थी। प्रधानमंत्री संत कबीर दास की 500वीं पुण्यतिथि पर उनकी परिनिर्वाण स्थली पर जाकर उनकी मजार पर चादर चढ़ाएंगे। साथ ही वह कबीर अकादमी का शिलान्यास भी करेंगे। मोदी एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जिसे भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर प्रचार की शुरूआत के रूप में देख रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संतकबीर नगर दौरे से पहले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के कबीर की मजार में टोपी पहनाने को लेकर विवाद हो गया है। दरअसल सीएम योगी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संत कबीर नगर के मगहर में कबीर की मजार पर तैयारियों का जायजा लेने पुहंचे थे।

इस दौरान मजार के एक मौलवी ने सीएम योगी को टोपी पहनाने की कोशिश की। लेकिन सीएम योगी ने मौलवी का हाथ पकड़कर टोपी पहनने से इंकार कर दिया। जिससे लेकर एक बार फिर से विवाद शुरु हो गया है।

आपको बता दे कि इससे पहले साल 2011 में बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेंद्र मोदी ने अपने उपवास के दौरान मौलाना की तरफ से दी गई टोपी नहीं पहनी थी।

प्रधानमंत्री संत कबीर दास की 500वीं पुण्यतिथि पर उनकी परिनिर्वाण स्थली पर जाकर उनकी मजार पर चादर चढ़ाएंगे। साथ ही वह कबीर अकादमी का शिलान्यास भी करेंगे। मोदी एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जिसे भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर प्रचार की शुरूआत के रूप में देख रही है।