नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में वज़ीर ए आला अखिलेश यादव की पुलिस की सुस्ती की वजह से मुल्ज़िमों के हौसले बुलंद हैं. रामपुर की एक नर्स ने गुजश्ता हफ्ते पांच लोगों के खिलाफ छेड़खानी और रेप की धमकी का केस दर्ज करवाया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
जिन मुल्ज़िमों पर गैंगरेप का इल्ज़ाम है उन्हीं ने तीन दिन पहले लड़की को अगवा कर लिया और मुरादाबाद ले जाकर चलती कार में उसके साथ गैंगरेप किया.
इसके बाद दरिंदों ने लड़की को बेहोशी की हालत में फेंककर भाग गए. मुरादाबाद पुलिस को लड़की बेहोशी की हालत में सड़क पर मिली. पुलिस लड़की को अस्पताल ले गई. होश में आने पर मुतास्सिरा ने रौंगटे खड़े कर देने वाली कहानी पुलिस को बताई.
मुरादाबाद पुलिस ने लड़की का बयान लेने के बाद केस को रामपुर पुलिस के पास भेज दिया है. लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या रामपुर पुलिस लड़की को इंसाफ दिला पाएगी?
रामपुर पुलिस ने अगर पहले ही लड़की की शिकायत पर कार्रवाई की होती तो शायद ये वारदात न होती. अगर वक़्त रहते रामपुर पुलिस ने मुल्ज़िमों को गिरफ्तार किया होता तो इस लड़की को इस वाकिया से महफूज रखा जा सकता था.
रामपुर पुलिस की इतनी बड़ी लापरवाही से उत्तर प्रदेश में ख़्वातीन की सेक्युरिटी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.