लखनऊ, 10 सितंबर:मुस्लिम तंज़ीमो के ग्रुप ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत (एआईएमएमएम) ने मुजफ्फरनगर दंगा मामले में उत्तर प्रदेश की हुकूमत को बर्खास्त करने की मांग की है।
एआईएमएमएम ने वज़ीर ए दाखिला सुशील कुमार शिंदे को खत लिखकर अखिलेश की हुकूमत पर फिर्कावाराना ताकतों से हाथ मिलाने का इल्ज़ाम लगाया है।
दंगे को मंसूबा बंद साजिश करार देते हुए तंज़ीम ने कहा है कि रियासती हुकूमत का कानून निज़ाम पर कोई कंट्रोल नहीं रह गया है। ऐसे में अकलीयतों की हिफाजत के लिए अखिलेश सरकार को फौरन बर्खास्त कर देना चाहिए।
तंज़ीम के सदर इस्लाम खान ने पीर के दिन रोजनामा अमर उजाला से बातचीत में कहा कि यह दंगा वोट बैंक की सियासत के तहत साजिशन कराया गया है। पूरे मामले में रियासती हुकूमत और फिर्कावाराना ताकतों में मिलीभगत है।
आइंदा लोकसभा इंतेखाबात में वोटों के लिए पूरे रियासत को फिर्कावाराना दंगों की आग में झुलसाने की साजिश रची गई है। यह दंगा फौरन रुके और मुस्तकबिल में ऐसे हालात पैदा न हों, इसके लिए रियासत की हुकूमत को बर्खास्त कर उत्तर प्रदेश में सदर राज लगाने की जरूरत है।
खान ने कहा कि अखिलेश सरकार के छोटे से मुद्दत के दौरान हुए 27 फिर्कावारना दंगे इस बात को साबित करते हैं कि या तो रियासत की हुकूमत का इंतेज़ामिया पर कंट्रोल नहीं है या फिर वह खुद इस साजिश में शामिल है।
एआईएमएमएम में जमात-ए-इस्लामी, मरकजी जमीयत, ऑल इंडिया शिया कांफ्रेंस और इंडिया नेशनल लीग जैसे मुल्क भर के एक दर्जन से ज़्यादा मुस्लिम तंज़ीम शामिल हैं।
एआईएमएमएम ने हालात सुधरने के बाद अपनी जांच टीम को मुजफ्फरनगर भेजने और इस वाकिया से जुड़े हकायक को उजागर करने का ऐलान किया है।