इस साल के दौरान दस लाख से ज़्यादा मुहाजिरीन और तारकीने वतन यूरोप पहुंचे हैं। उनमें 9 लाख 70 हज़ार बहिरे मतोसता के ज़रीए पुर ख़तर सफ़र करके यूरोपीय ममालिक में गए हैं।
मुहाजिरीन और पनाह गुज़ीन के बारे में ये आदादो शुमार अक़वामे मुत्तहिदा के पनाह गुज़ीनों के इदारे (यू एन एच सी आर) और आलमी तंज़ीम बराए तारकीने वतन (आई ओ एम) ने जारी किए हैं और बताया है कि यक्म जनवरी के बाद उनमें से ज़्यादातर तारकीने वतन की यूरोप के छे ममालिक में आमद हुई है जबकि उनमें से अक्सरीयत 8 लाख 21 हज़ार यूनान में समुंद्री रास्ते से पहुंचे थे।
आई एम ओ के मुताबिक़ 3692 तारकीने वतन समुंद्र में कश्तीयों के हादिसात में डूब कर मर गए थे या लापता हो गए थे। यू एन एच सी आर का कहना है कि 1990 के अशरे के बाद जंगों और तनाज़आत के नतीजे में बेघर होने वालों की ये सबसे ज़्यादा तादाद है। तब साबिक़ युगोस्लाविया में बोहरान की वजह से लाखों की तादाद में लोग बेघर हो गए थे।