यू ए ई हिंद के साथ बेहतर रवाबित के लिए कोशां

यू ए ई ने कहा है कि वो हिंदुस्तान के साथ तिजारत और मईशत में अज़ीमतर तआवुन हासिल करने के लिए कोशां है और कोशिश करेगा कि सरमायाकारी मवाक़े से इस्तिफ़ादा करते हुए बाहमी रवाबित को आगे बढ़ाया जाए।

वज़ीरे मईशत सुल्तान बिन सईद अल मंसूरी ने ये बात हिंदुस्तान को बैंगलौर में सहि रोज़ा बिज़नस समिट के लिए रवानगी से क़ब्ल कही। उन्हों ने ये निशानदेही भी की कि दोनों मुल्कों के दरमयान जोइंट प्रोजेक्ट्स क़ायम करने के लिए मआशी तआवुन के कई मवाक़े पाए जाते हैं।

दोनों मुल्कों के दरमयान नुमायां मआशी रवाबित को उजागर करते हुए अल मंसूरी ने यू ए ई को हिंदुस्तान का सब से बड़ा शराकतदार क़रार दिया और कहा कि उसे आलमी अव्वल दर्जा हासिल है।

उन्हों ने ये भी कहा कि यू ए ई 2011-12 के दौरान हिंदुस्तान का टाप ट्रेड पार्टनर रहा, जैसा कि 2012 में इस मुल्क की जुमला बैरूनी तिजारत का 10 फ़ीसद हिस्सा उसी ने अदा किया, इसी तरह जी सी सी ममालिक के साथ हिंदुस्तान की जुमला तिजारत में इस का हिस्सा 50 फ़ीसद और अरब ममालिक के साथ 38 फ़ीसद रहा।