उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी हुकूमत के एम एल एज़ को इस बात की इजाज़त दी है कि वो अपने लोकल एरिया डेवलपमेंट फ़ंड की रक़म में से 20 लाख रुपये मालियत तक की कार ख़रीद सकते हैं जिस की रक़म अब बढ़ाकर 25 लाख रुपय कर दी गई है ।
वज़ीर-ए-आला अखिलेश यादव ने असेंबली में ऐलान करते हुए कहा कि माली बोहरान ( आर्थिक संकट) के बावजूद समाजवादी पार्टी हुकूमत ने अपने मंशूर ( अस्त व्यस्त) में किए गए तमाम वादों की तकमील की है जिस में एम एल एज़ को लोकल एरिया डेवलपमेंट फ़ंड से कार ख़रीदने की गुंजाइश भी रखी गई है ।
हर साल ख़रीदी गई कार की क़ीमत का नया तख़मीना लगाया जाएगा और पाँच साल की तकमील के बाद एम एल एज़ या तो क़ीमत अदा कर दें या फिर अपनी कार हुकूमत के हवाले कर दें । इस तरह से उन एम एल एज़ के लिए बड़ी आसानी हो जाएगी जिन के पास कारें ख़रीदने के लिए फंड्स नहीं हैं ।
अखिलेश यादव ने वज़ाहत करते हुए कहा कि कार का मेंटेनेंस हुकूमत की ज़िम्मेदारी नहीं होगी लेकिन अखिलेश यादव की इस तजवीज़ को अपोज़ीशन ( विपक्ष) ने पसंद नहीं किया और कहा कि इस तरह की सहूलयात फ़राहम करते हुए अखिलेश यादव एक ग़लत पैग़ाम दे रहे हैं ।
तरक़्क़ीयाती कामों केलिए मुख़तस रक़म अब कारों की ख़रीदारी में सिर्फ ( खर्च) होगी । लाज़िमी बात है कारों की ख़रीदारी वाली बात राय दहिंदों (मतदाताओ) को हज़म नहीं होगी । वो उसे बिलकुल पसंद नहीं करेंगे । ऐसे एम एल एज़ जो अपनी शख़्सी रक़म से कारें खरीदेंगे उन पर भी शक किया जाएगा कि उन्हों ने तरक़्क़ीयाती फंड्स से कार ख़रीदी है ।
ये बात बी जे पी क़ाइद हुक्म सिंह ने कही । दूसरी तरफ़ बी एस पी क़ाइद स्वामी प्रसाद मोर्य ने कहा कि इस तरह के फ़ैसले से अवाम को ग़लत इशारे मिलेंगे । ज़रूरत इस बात की है कि कारों की ख़रीदारी केलिए अलैहदा फंड्स मुख़तस किए जाएं ।
बी एस पी अरकान यक़ीनी तौर पर कारों की ख़रीदारी के लिए तरक़्क़ीयाती फंड्स का इस्तेमाल नहीं करेंगे । जिस की ताईद कांग्रेस क़ाइद प्रमोद तीवारी ने भी की और कहा कि वज़ीर-ए-आला को तरक़्क़ीयाती फंड्स की रक़म में इज़ाफ़ा करना चाहीए ।
इस के लिए उन्हों ने 2007 में ऐवान में एस पी सरबराह मुलायम सिंह यादव के ऐलान का भी हवाला दिया ।