योग दिवस के आलोचकों को भुगतने होंगे खामियाजा : आरएसएस हिमायत एक पत्रिका

नई दिल्ली : योग दिवस और उसके प्रचार की आलोचना करने वाले ‘‘धर्मनिरपेक्ष’’ लोगों को आड़े हाथ लेते हुए आरएसएस हिमायत एक पत्रिका ने आज कहा कि पूर्वाग्रह से ग्रसित विरोध करने वाले लोगों को इसके खामियाजा भुगतने होंगे जिनमें उनका सियासी खात्मा होना शामिल है। आर्गेनाइजर के संपादकीय में कहा गया, ‘‘दुर्भाग्यवश सियासी तौर से उलटे लटके लोग नहीं समझ पाएंगे कि शीर्षासन अस्वाभाविक जीवनशैली से पार पाने का एक अप्राकृतिक तरीका है।

उसे मुकर्र वक्त से ज्यादा करने और वह भी बिना कोई वैज्ञाणीक तरीके से करने से कई दुष्परिणाम हो सकते हैं।’’ इसमें कहा गया, ‘‘हठयोग के धर्मनिरपेक्ष और साम्यवादी अभ्यासकर्ता इस बात को समझने को तैयार नहीं है कि यह न तो भाजपा के बारे में है और न मोदी के बारे में। यह पूरी तरह से भारत के बारे में है और एक सांस्कृतिक विरासत है जो स्वाभाविक रूप से हिन्दू है।’’ संपादकीय के मुताबिक, ‘‘अगर उन्होंने इसे गलत आसन करके खत्म करने की कोशिश की तो उन्हें यही परिणाम भुगतना पड़ेगा कि उनका सियासी खात्मा हो जाएगा। इस बात को वे जितना जल्द समझ जाए, उतना ही उनके लिए बेहतर होगा। साथ ही उनके राजनीतिक स्वास्थ्य और वजूद के लिए भी बेहतर होगा।’’

आरएसएस हिमायत पत्रिका ने कहा कि कुछ लोगों ने योग दिवस का या तो बहिष्कार करना पसंद किया और इसे भारतीय जड़ों से मिटाने की कोशिश किया। अब वे इसके दुष्परिणाम जाने बिना इसी तरह के आसन कर रहे हैं। ‘‘राजनीतिक चश्मा लगाकर शीर्षासन’’ शीर्षक इस संपादकीय में कहा गया कि जब दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सभी संरा सदस्य देशों द्वारा अधिक भागीदारी देखी गई तो कुछ लोग ने ‘‘तथाकथित धर्मनिरपेक्ष’’ एवं ‘‘मोदी विरोधी’’ चश्मों के साथ विरोध स्वरूप शीर्षासन करना पसंद किया।