यौमे आलमी पनाह गुज़ीन के मौक़ा पर अक़वामे मुत्तहिदा के सेक्रेट्री जेनरल, बाण्की मून ने गुज़िश्ता साल आलमी तनाज़आत और जबर और सितम के बाइस नक़्ले मकानी पर मजबूर होने वाले तक़रीबन छः करोड़ अफ़राद की हालते ज़ार को याद रखने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है।
हफ़्ते को एक बयान में, मिस्टर बाण ने आलमी बिरादरी पर ज़ोर दिया कि इंसानों के बारे में हमारी मुशतर्का क़दरों की इज़्ज़त करते हुए, रवादारी और तनव्वो के जज़बात को फ़रोग़ दिया जाए।
उन्हों ने पनाह गुज़ीनों की इस बड़ी नक़्ले मकानी का सबब शाम में जारी तनाज़े और इराक़, यूक्रेन, जुनूबी सूडान, वस्ती अफ़्रीक़ी जम्हूरीया, नाईजीरिया और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों के बोहरान को क़रार दिया।