रंजीत उर्फ रकीबुल ने पूछताछ में खोले कई राज 42 लीडर, अफसर और जज से राब्ता

शादी के बाद निशानेबाज तारा शाहदेव को ज़ुल्म करने और मजहब बदलने का दबाव डालने के इल्ज़ाम में गिरफ्तार उसके शौहर रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन ने पूछताछ में पुलिस के सामने कुबूल किया है कि उसके राब्ते में 42 लीडर, अफसर और जज से हैं।

उसने पुलिस को बताया है कि हजारीबाग के जिला जज और चतरा के साबिक़ जिला जज से भी उसके राब्ता रहे हैं। अदालती गलियारे में उसकी गहरी पैठ थी। इन राबतों की मदद से वह केस में पैरवी करता था और पैसे कमाता था। हालांकि पुलिस सरकारी तौर से उसके बयान पर कुछ नहीं बता रही।

साबिक़ एमपी के करीबी को जेल से निकलवाया

जानकारी के मुताबिक, रंजीत ने पुलिस को बताया है कि उसने एक साबिक़ एमपी के करीबी आदमी को जेल से निकलवाने में पैरवी की थी। साबिक़ एमपी का आदमी कत्ल के मामले में पांच साल से जेल में था। उसने यह भी बताया है कि रियासत के एक वज़ीर के ड्राइवर के केस को मैनेज करने के लिए वह पैरवी कर रहा था। इसी पैरवी को लेकर वज़ीर उसके घर आते थे। गिरफ्तारी के वक़्त रंजीत के पास से छह मोबाइल जब्त किये गये थे। पूछताछ में उसने बताया कि इनमें से चार मोबाइल उसके हैं। दो मोबाइल एक जज के हैं।

जंगल महकमा विभागमें रंजीत की और साइंस टेक्नोलॉजी में रोहित की बोलती थी तूती : बताया जाता है कि रंजीत की जंगल महकमा में और उसके दोस्त रोहित की साइंस टेक्नोलॉजी महकमा में तूती बोलती थी। अफसरों के साथ गहरे ताल्लुक का इस्तेमाल कर रंजीत ने सिल्ली और पलामू में दरख्त बोने का बड़ा काम हासिल किया था। वहीं, रोहित ने अपने राब्ते का इस्तेमाल कर साइंस और टेक्नोलॉजी महकमा में कंप्यूटर की सप्लाई का काम हासिल किया था।

कई अफसरों ने की पूछताछ

जगन्नाथपुर थाने में रंजीत उर्फ रकीबुल से आइबी, सीआइडी और स्पेशल ब्रांच के अफसरों ने सनीचर को पूछताछ की। इसके अलावा सिटी एसपी अनूप बिरथरे समेत दीगर अफसरों ने भी पूछताछ की है।

एक ब्रांच में एक ही दिन रंजीत ने खोले दो खाते

रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन ने 12 अगस्त 2013 को पंजाब नेशनल बैंक की एचइसी शाख में दो खाते खोले थे। वह भी तब, जब बैंक की इसी शाख में उसके नाम से पहले से ही एक बैंक खाता चल रहा था। १२ अगस्त 2013 को एक ही दिन खोले गये इन दोनों नये खातों का नं 7608000100002565 और 7608000100002556 था। इन दोनों खातों में एक ही दिन करीब 10 लाख रुपये (हर खाते में 4,99,999 रुपये) जमा कराये गये थे। सारी रकम अलग-अलग जरिये से ट्रांसफर की गयी थी। एक ही दिन एक ही शाख में एक ही सख्श की तरफ से दो-दो बैंक खाते खुलवाना खदशा पैदा करता है।

अमूमन ऐसा नहीं होता। वह भी तब, जब पहले से ही एक खाता चल रहा है। ताज्जुब की बात यह भी है कि इन दोनों खातों को एक ब एक एक ही दिन 06 अगस्त 2014 को बंद करा दिया। इस दरमियान इन खातों से कई ट्रांजेक्शन हुए।

एक खाता अभी भी चालू

रंजीत का बैंक की इसी शाख में साबिक़ में खोला गया खाता (सं-7608000100000998) अभी भी चालू है। इस खाते में वक़्त ब वक़्त ट्रांसफर होकर पैसे आये हैं। अब तक इस खाते में 65,71,590 रुपये क्रेडिट हुए हैं। यह रकम भी मेवरिक कंसल्टेंसी समेत दीगर से इस खाते में ट्रांसफर किये गये। बड़ी रकम यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की हटिया शाख से रंजीत के खाते में ट्रांसफर की जाती रही है।