नई दिल्ली, 04 अप्रैल: सदर जम्हूरिया: प्रणब मुखर्जी ने फांसी की सात रहम की दरखास्त पर फैसला सुना दिया है। इनमें से पांच मामलों में उन्होंने फांसी की सजा बरकरार रखी है जबकि दो मामलों में फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया।
जिन पांच रहम की दरखास्त को प्रणब मुखर्जी ने खारिज कर दिया उनमें कुल सात लोग गुनहगार हैं। इनमें एक खातून भी शामिल है। आजाद हिंदुस्तान में शायद पहली बार किसी खातून को फांसी की सजा देने पर राष्ट्रपति ने मुहर लगाई है।
सदर जम्हूरिया प्रणब मुखर्जी के इस फैसले के साथ ही इन सात गुनाहगारों को फांसी दिया जाना तय हो गया है।
माना जा रहा है कि हरियाणा का धर्मपाल को सबसे पहले फांसी दी जाएगी। उन्हें कब फांसी दी जाएगी इसकी इत्तेला नहीं दी गई हे। फिलहाल धर्मपाल रोहतक जेल में बंद है।
धर्मपाल पर एक लड़की का रेप करने का आरोप लगा था। इल्ज़ाम साबित होने पर 1993 में अदालत ने उसे दस साल की सजा सुनाई थी।
बाद में पांच दिन के लिए धर्मपाल को पैरोल पर रिहा किया गया तो उसने एक क़त्ल को अंजाम दिया। धर्मपाल ने अपने भाई निर्मल के साथ मिलकर मुतास्सिरा लड़की के मां, बाप, बहन और भाई का क़त्ल कर दिया।
इस मामले में अदालत ने दोनों भाइयों को फांसी की सजा सुनाई। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने धर्मपाल की फांसी की सजा बरकरार रखी, वहीं निर्मल की सजा उम्रकैद में बदल दी।
राष्ट्रपति ने आइन केए आर्टिकल 72 (संविधान के अनुच्छेद७2) के मुताबिक अपने हुक़ूक का इस्तेमाल किया। ज़राए के मुताबिक अब सदर जम्हूरिया के पास कोई रहम की दरखास्त ज़ेर ए गौर नहीं है।
इन लोगो की रहम की दरखास्त खारिज हुई:
– गुरमीत सिंह (यूपी)- 1986 में एक परिवार के 13 लोगों के कत्ल का मुल्ज़िम।
– धर्मपाल (हरियाणा, सोनीपत)- 1993 में लड़की का रेप और पांच लोगों के क़त्ल का गुनाहगार।
– सोनिया और उसके शौहर संजीव- 2001 में हिसार में अपने अहले खाना के आठ लोगों के क़त्ल के मुजरिम (सहारनपुर से भी सोनिया का ताल्लुक, साबिक MLA की बेटी है सोनिया)।
– जफर अली (यूपी)- 2002 में पांच बेटियों और बीवी के कत्ल का जुर्म।
– सुंदर सिंह (उत्तराखंड)- 1989 में रेप और कत्ल का मुजरिम।
– सुरेश और रामजी (यूपी)- भाई के परिवार के पांच मेमबरों के कत्ल का गुनहगार।
– वीरप्पन के साथी प्रवीन कुमार की रहम की दरखास्त भी खारिज।
बशुक्रिया: अमर उजाला