रांची में फ्लाईओवर बनाने में तकनीकी मुश्किलें नहीं बल्कि समाजी मुश्किल : मेकॉन

रांची : दारुल हुकूमत में फ्लाईओवर की तामीर मुंबई और बेंगलुरु से भी टफ है। दीगर शहरों में सड़कों के चौड़ी करने से लेकर फ्लाईओवर या ओवरब्रिज वगैरह बनाने के लिए रास्ते खुद ब खुद निकलते जाते हैं। क्योंकि उसमें मुकामी लाेगों का भी भरपूर साथ मिलता है।
डिजाइन व कंसल्टेंसी का काम करने वाली मर्क़ज़ी हुकूमत की कंपनी मेकॉन का भी मानना है कि रांची में सड़क चौड़ी करने और फ्लाईओवर बनाने में तकनीकी मुश्किलें नहीं, सामाजिक चैलेन्ज आड़े आ रही हैं। मसलन – जमीन को क़ब्ज़ा से आज़ाद कराना, जमीन का हासिल करना वगैरह । फिलहाल मेकॉन को रियासती हुकूमत ने फ्लाईओवर के लिए डीपीआर बनाने का जिम्मा सौंपा था।

कंपनी ने इसे तैयार कर सरकार को सौंप भी दिया है। कर्नाटक में 150 से ज्यादा फ्लाईओवर और ब्रिजों की तामीर मेकॉन ने किया है। दिल्ली में मेट्रो की तामीर के दौरान काम रात में होता था। मेकॉन ने अपने डीपीआर में रांची में भी ऐसे ही काम करने की मंसूबा बनाई है।

दारुल हुकूमत में अभी जो भी तरक्की का काम हो रहे हैं, उसकी प्लानिंग अगले 30-50 सालों की आबादी को ज़ेहन में रख कर की गई है। मेकॉन के मुताबिक सरकार के मास्टर प्लान को भी इसमें इंटीग्रेटेड करना जरूरी है। तभी तरक्की का असल खाका खींचा जा सकता है।
मेकॉन यहां के ट्रैफिक सिस्टम को पूरी तरह से साइंटिफिक बनाना चाहता है। फिलहाल, रातू रोड और कांटाटोली चौक पर फ्लाईओवर की डीपीआर बनी है। दोनों फ्लाईओवर सिंगल पोल पर फोर लेन बनेंगे। नक़ल मकानी वाले लोगों को बसाने पर भी काम हो रहा है।

डीपीआर की अहम् बातें

– बदलेगा तीन सड़कों का डिजाइन
– सीवरेज, पानी, बिजली के तार, गैस पाइप लाइन, ऑप्टिकल केबल, समेत दीगर सहुलत होंगी
– फ्लाईओवर के दोनों तरफ यूटिलिटी लेन बनेगी
– बस और ऑटो स्टॉपेज भी बनेंगे
– एमजी रोड (मेन रोड) और सरकुलर रोड में पार्किंग बनेगी
– स्ट्रीट लाइट्स और फोरलेन को हरा-भरा किया जाएगा

पहला फ्लाई ओवर हरमू बाईपास रोड में बनेगा। इसकी शुरुआत हरमू पुल से होगी, जो भारत माता चौक, किशोर गंज, गाड़ीखाना चौक होते हुए न्यू मार्केट बाजार तक जाएगा। यह करीब 1.5 किमी तक बनेगा। दूसरा फ्लाई ओवर क्लब रोड से कांटाटोली चौक होते हुए कोकर तक बनेगा।

रांची में फ्लाईओवर की तामीर काफी टफ है। क्योंकि यहां पर कई इश्यूज हैं। सरकार ने हमें काम सौंपा है। डीपीआर तैयार है। नक़ल मकानी हुए लोगों को बसाने की मंसूबा पर काम हो रहा है।
एके त्यागी, सीएमडी, मेकॉन