राजद एमएलए के साथ सड़क पर उतरे लालू

लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में बग़ावत करने वाले एमएलए के गुट को जल्दी मंजूरी देने के सवाल पर बिहार एसेम्बली के सदर ने वाजेह किया है कि इस बारे में उन्होंने अभी आखरी फ़ैसला नहीं लिया है।
एसेम्बली सदर उदय नारायण चौधरी ने तसदीक़ की कि राजद के तेरह एमएलए दल से अलग होना चाहते थे। उन्होंने कहा, “बिहार एसेम्बली के तेरह मेंबरों ने तहरीरी – खुद दस्तखत अपना दरख्वास्त दिया था। इस पर एसेम्बली सीक्रेटरीयेट ने फ़ैसला लिया। ”

हालांकि तेरह में से नौ एमएलए लालू प्रसाद यादव के पाले में बने हुए हैं। इस पर एसेम्बली सदर ने कहा, “कुछ एमएलए ने इनकार किया है लेकिन किसी ने दरख्वास्त पर अपने दस्तखत से इनकार नहीं किया है। ”

लालू ने दावा किया है कि कई एमएलए के दस्तख़त फ़र्ज़ी हैं और एसेम्बली सदर ने उन एमएलए से बात किए बिना कैसे उन्हें अलग ग्रुप के तौर में मंजूरी दे दी। राजद सदर ने कहा, “हमने एसेम्बली सेक्रेटरी को एमएलए के हिमायत की खुद तहरीरी खत देकर अपना मुखालिफत दर्ज कराया गया है। ” एमएलए के दस्तखत फ़र्ज़ी होने से जुड़े सवाल पर उदय नारायण चौधरी ने कहा, “यह तो तहक़ीक़ात का मौजू है। ”

“हमने तो अभी आखरी फ़ैसला लिया ही नहीं है। आखरी नोटिफिकेशन जारी ही नहीं की गई है। ”
उदय नारायण चौधरी, सदर, बिहार एसेम्बली

हालांकि उदय नारायण चौधरी ने कहा है कि बदली हुई हालात में भी वह कानूनी के मुताबिक ही फ़ैसला लेंगे। लालू ने एसेम्बली सदर पर नीतीश कुमार की हुकूमत को बचाने का इल्ज़ाम लगाया है। इसके जवाब में स्पीकर ने कहा कि जम्हूरियत में किसी को भी किसी पर इल्ज़ाम लगाने का हक़ होता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह किसी के दबाव में नहीं हैं और क़ानून के मुताबिक़ ही अपना काम कर रहे हैं.

बशुक्रिया : बीबीसी हिन्दी