कोलकता, ०२ फरवरी (पी टी आई) वज़ीर आला मग़रिबी बंगाल ममता बनर्जी भी सयासी तौर पर तजुर्बाकार और बुर्दबार शख्सियत का नाम है हालाँकि कांग्रेस क़ियादत के ज़रीया उन्हें कई बार तल्ख़ तजुर्बात का सामना करना पड़ा, इसके बावजूद भी वो कांग्रेस के तुएं नरम गोशा ही रखती हैं जिसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने हाल ही में एक बयान देते हुए कांग्रेस के आँजहानी क़ाइद और साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म राजीव गांधी को दिलों पर राज करने वाले क़ाइद से ताबीर किया था और परनब मुकर्जी को उन्हों ने अपना भाई कहा था।
ममता बनर्जी ने अपने इस ज़माने को याद करते हुए हा जब उन की कांग्रेस से वाबस्तगी थी और इस वक़्त 1991 -ए-में कोलकता में एक रैली के दौरान सी पी आई (एम) अरकान ने मुबय्यना तौर पर उन पर हमला किया था जिस में वो ज़ख़मी हो गई थीं। राजीव गांधी ने जिन्हें वो उसी वक़्त से दिलों पर राज करने वाले क़ाइद से ताबीर करना शुरू कर दिया था, ने ममता बनर्जी के ईलाज की तमाम तर्ज़ुमा दारियां क़बूल कीये थें।
उन्हों ने अपने कई बाएतिमाद साथियों को ममता बनर्जी के पास रवाना किया था और ये पूछा था कि अगर मौसूफ़ा अमरीका में ईलाज की ख़ाहां हैं, तो उन की वो ख़ाहिश भी पूरी की जा सकती है। हालाँकि अब ममता बनर्जी के ताल्लुक़ात कांग्रेस के साथ ख़ुशगवार नहीं हैं लेकिन इसके बावजूद वो मर्कज़ी वज़ीर मालियात और कांग्रेस क़ाइद परनब मुकर्जी को अपना भाई मानती हैं।
ममता बनर्जी का कहना है कि वो परनब मुकर्जी का बेहद एहतिराम करती हैं और वो भी मुझे अपनी छोटी बहन समझते हैं। यहां इस बात का तज़किरा बेजा ना होगा कि 1986 -ए-में परनब मुकर्जी को कांग्रेस से ख़ारिज कर दिया गया था और परनब मुकर्जी ने भी आव देखा ना ताव और राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस के नाम से 1986 में एक नई पार्टी तशकील देने का फैसला कर लिया था और इस वक़्त ममता बनर्जी ने राजीव गांधी से कई बार दरख़ास्त करते हुए परनब मुकर्जी को दुबारा कांग्रेस में शामिल करने का मुतालिबा किया था ।
ममता बनर्जी ने अपनी सवानिह हयात में भी राजीव गांधी का तज़किरा करते हुए कहा है कि जब उन के (राजीव) क़त्ल की ख़बर मिली तो तकरीबन एक हफ़्ता तक वो किसी से ठीक से ना बात कर सकें और ना ही ठीक से खाना खाया।